मेरठ के सूरजकुंड श्‍मशान घाट की हालत खराब, शेड में हो रहा अंतिम संस्‍कार, पहुंचे 50 शव

कोरोना के कारण अस्पतालों के बाद अब सूरजकुंड श्मशान घाट पर भी हालात खराब होते जा रहे हैं। बुधवार को स्थिति भयावह रही। अंतिम संस्कार करने के लिए शवों को चबूतरे नसीब नहीं हो रहे हैं। बुधवार शाम आठ बजे तक सूरजकुंड श्मशान घाट पर 50 शव पहुंचे।

By Himanshu DwivediEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 12:37 PM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 12:37 PM (IST)
मेरठ के सूरजकुंड श्‍मशान घाट की हालत खराब, शेड में हो रहा अंतिम संस्‍कार, पहुंचे 50 शव
मेरठ के शमशान घाट की हालत खराब।

मेरठ, जेएनएन। कोरोना के कारण अस्पतालों के बाद अब सूरजकुंड श्मशान घाट पर भी हालात खराब होते जा रहे हैं। बुधवार को स्थिति भयावह रही। अंतिम संस्कार करने के लिए शवों को चबूतरे नसीब नहीं हो रहे हैं। बुधवार को हाल यह रहा कि शवों का अंतिम संस्कार बाहर शेड में रखकर किया गया। बुधवार शाम आठ बजे तक सूरजकुंड श्मशान घाट पर 50 शव पहुंचे। इसमें 30 शव कोरोना संक्रमित मरीजों के थे। गंगा मोटर कमेटी के पदाधिकारियों ने स्थिति को देखते हुए डीएम व नगर आयुक्त को अवगत कराया है।

छह नये चबूतरे निर्माण का कार्य जारी : नगर आयुक्त मनीष बंसल के निर्देश पर सूरजकुंड श्मशान घाट पर छह नये चबूतरों का निर्माण किया जा रहा है। इसमें अभी लगभग तीन दिन का समय और लग सकता है। इसका भराव किया जाना बाकी है। वहीं, मंगलवार को नगर आयुक्त ने आचार्यो के लिए अंतिम संस्कार पर शुल्क निर्धारित कर दिया था। कोरोना संक्रमित शवों के लिए 1200 रुपये और सामान्य शवों के लिए 700 रुपये तय किए गए। यह भुगतान स्वजन आचार्यों को देंगे। उन्हें इसकी रसीद दी जाएगी। लेकिन इसकी व्यवस्था बनाने में अभी कुछ समय और लग सकता है। रसीद कौन काटेगा, यह भी निर्धारण नहीं हुआ है।

रिटायर अधिकारी के शव का अंतिम संस्कार में 7700 वसूली

सूरजकुंड श्मशान घाट पर केंद्र सरकार से जुड़े एक विभाग के रिटायर अधिकारी के शव का अंतिम संस्कार करने के लिए निर्धारित शुल्क से अधिक रुपये मांगने पर बुधवार रात असहज स्थिति उत्पन्न हो गई। मित्रजन का कहना है कि उनसे अंतिम संस्कार के लिए 7700 रुपये वसूले गए। सेवानिवृत्त अधिकारी के दोनों पुत्र विदेश में रहते हैं। रूड़की रोड निवासी सेवानिवृत्त अधिकारी कोरोना से संक्रमित थे। शाम को स्वजन उनका शव लेकर सूरजकुंड श्मशान घाट पहुंचे। आरोप है कि आचार्य ने उनसे कोविड शव होने का हवाला देकर कई खर्चे बताए। इससे नीचे भुगतान करने पर अंतिम संस्कार के लिए साफ इंकार कर दिया। स्वजन ने भुगतान किया। जिसके बाद ही आचार्य ने अंतिम संस्कार किया। 

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