मेरठ में गन्‍ना खेती : सिंगल बड एवं बड चिप विधि से तैयार सीडलिंग के वितरण से ऐसे मिलेगा सीधा लाभ

यह यूपी सरकार की किसानों के लिए एक और अहम पहल है। इसके तहत ग्रामीण महिला उद्यमियों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सिंगल बड एवं बड चिप विधि से तैयार सीडलिंग का लाभ देने के लिए महिला स्वयंसेवी समूहों को आर्थिक रूप से सशक्त किया जाएगा।

By PREM DUTT BHATTEdited By: Publish:Sun, 17 Jan 2021 11:50 AM (IST) Updated:Sun, 17 Jan 2021 11:50 AM (IST)
मेरठ में गन्‍ना खेती : सिंगल बड एवं बड चिप विधि से तैयार सीडलिंग के वितरण से ऐसे मिलेगा सीधा लाभ
गन्ना आयुक्त ने लक्ष्यों के सापेक्ष कम पूर्ति पर जवाब तलब किया है।

मेरठ, जेएनएन। गन्ना खेती के क्षेत्र में ग्रामीण महिला उद्यमियों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सिंगल बड एवं बड चिप विधि से तैयार सीडलिंग का लाभ देने के लिए महिला स्वयंसेवी समूहों को आर्थिक रूप से सशक्त किया जाएगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा ग्रामीण महिला उद्यमियों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाने के आदेशों के क्रम में गन्ना विभाग ने सिंगल बड एवं बड चिप विधि से तैयार सीडलिंग के वितरण अनुदान हेतु लाभार्थी महिला समूहों के बैंक खाते खुलवाने के निर्देश दिए गए हैं।

1470 हेक्टेयर, 844 महिलाएं, 10.80 करोड़ का लाभ

प्रदेश में निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष कुल 414 लाख सीडलिंग की स्थापना कराई गयी है। साथ ही 1470 हेक्टेयर में प्रदर्शन स्थापित कराया गया है। इससे प्रदेश में गठित 844 महिला स्वयं सहायता समूहों को 10.80 करोड़ का आर्थिक लाभ हुआ है। इसमें सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बागपत, हापुड़, मुरादाबाद व बिजनौर समेत कई जनपदों में महिला समूहों को लाभ पहुंचा है। वितरित सीडलिंग के सापेक्ष अनुदान वितरण की समीक्षा कर प्रदेश के अधिकतर गन्ना बहुल जिलों को लक्ष्यों की पूर्ति करने तथा इसी प्रकार निर्धारित लक्ष्यों के सापेक्ष प्रदर्शन स्थापना करने हेतु भी गन्ना आयुक्त द्वारा निर्देशत किया गया है।

गन्‍ना आयुक्‍त ने दिए ये निर्देश

गन्ना आयुक्त ने लक्ष्यों के सापेक्ष कम पूर्ति के संबंध में अधिकारियों का स्पष्टीकरण तलब करते हुए जिलों में गठित महिला स्वयं सहायता समूहों के बैंक खाते शीघ्र की खुलवानेए शेष सीडलिंग वितरण की पूर्ति बसन्तकालीन गन्ना बुवाई के लक्ष्यों के साथ करने एवं वितरित सीडलिंग का शत.प्रतिशत अनुदान कृषकों को उपलब्ध कराने हेतु निर्देश दिये गये हैं।

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