Crushing Season 2021-22: गन्ना किसानों को मोबाइल पर मिलेगी पर्ची, अपना इनबाक्स खाली रखें गन्ना किसान

पेराई सत्र 2021-22 में किसानों को गन्ना पर्चियां केवल एसएमएस पर्ची के रूप में मोबाइल फोन पर भेजी जाएंगी। क्रय केंद्रों पर प्रतिदिन होने वाली तौल की एक्नालेजमेन्ट शीट भी चस्पा की जाएगी। जिसके माध्यम से भी गन्ना कृषक अपनी पर्ची के विषय में जान सकेंगे।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 03:30 PM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 03:30 PM (IST)
Crushing Season 2021-22: गन्ना किसानों को मोबाइल पर मिलेगी पर्ची, अपना इनबाक्स खाली रखें गन्ना किसान
गन्‍ना किसानों के लिए जरूरी निर्देश ।

मेरठ, जेएनएन। पेराई सत्र 2021-22 में किसानों को गन्ना पर्चियां केवल एसएमएस पर्ची के रूप में मोबाइल फोन पर भेजी जाएंगी। क्रय केंद्रों पर प्रतिदिन होने वाली तौल की एक्नालेजमेन्ट शीट भी चस्पा की जाएगी। जिसके माध्यम से भी गन्ना कृषक अपनी पर्ची के विषय में जान सकेंगे।

ईआरपी पर पंजीकृत मोबाइल नंबर सही कर लें

उप गन्ना आयुक्त मेरठ ने बताया कि अपने मोबाइल पर ई पर्ची समय से पहुंचती रहे इसलिए आवश्यक है कि ईआरपी पर गन्ना कृषकों का सही मोबाइल नंबर पंजीकृत हो। उन्होंने गन्ना किसानों से अपील की है कि वे ईआरपी पर पंजीकृत अपने मोबाइल नंबर की जांच कर लें, यदि नंबर गलत है तो अपने गन्ना पर्यवेक्षक के माध्यम से अथवा ई-गन्ना ऐप पर स्वयं अपना सही मोबाइल नंबर अपडेट कर लें।

किसानों से अपील इनबाक्स रखें खाली

गन्ना अधिकारियों ने बताया कि एसएमएस इनबॉक्स भरा होने, मोबाइल स्विच अाफ होने एवं डीएनडी एक्टिवेट होने की स्थिति में एसएमएस पर्ची का संदेश 24 घंटे के पश्चात स्वयं निरस्त हो जाता है। जिसके कारण गन्ना किसान को अपनी पर्ची की जानकारी नहीं प्राप्त हो सकेगी। इसलिए सभी गन्ना किसान ससमय अपनी पर्ची प्राप्त करने हेतु अपना मोबाइल इनबाक्स खाली रखें तथा मोबाइल को चार्ज करके चालू दशा में रखें। डीएनडी यानि डू नाट डिस्टर्ब को एक्टिवेट न करें ताकि सर्वर द्वारा प्रेषित पर्ची उनके मोबाइल पर उन्हें रियल टाइम में प्राप्त हो जाए।

ई-पर्ची का करें व्याप्क प्रचार-प्रसार

गन्ना अधिकारियों ने पर्यवेक्षकों को निर्देश दिया है कि गन्ना समिति स्तर पर सभी गन्ना विभाग कर्मचारी व अधिकारी इसका व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करते हुए एक अभियान चलाकर सभी गन्ना किसानों के सही मोबाइल नंबर अपडेट कराना सुनिश्चित करें। जिससे किसानों को गन्ना आपूर्ति में कोई असुविधा न हो।

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