उपस्वास्थ्य केंद्र, रहमापुर खुद 'बीमार'.. कैसे हो उपचार
सरकार शहर व ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की कवायद में जुटी है वहीं अधिकारी पलीता लगाने में कसर नहीं छोड़ रहे हैं। तहसील अंतर्गत बहसूमा क्षेत्र के गांव रहमापुर में हाईवे किनारे स्थित उपस्वास्थ्य केंद्र पर ताले लटके हैं।
मेरठ, जेएनएन। सरकार शहर व ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की कवायद में जुटी है, वहीं अधिकारी पलीता लगाने में कसर नहीं छोड़ रहे हैं। तहसील अंतर्गत बहसूमा क्षेत्र के गांव रहमापुर में हाईवे किनारे स्थित उपस्वास्थ्य केंद्र पर ताले लटके हैं। रखरखाव के अभाव में भवन परिसर में झाड़-झंकाड़ उग आए हैं। विभाग इस ओर से उदासीन बना है। उधर, गांव में चिकित्सा सुविधा मुहैया न होने पर ग्रामीणों को उपचार के लिए मवाना व हस्तिनापुर जाना पड़ता है।
हस्तिनापुर सीएचसी के अंतर्गत गांव रहमापुर में मेरठ पौड़ी मार्ग पर स्थित उपस्वास्थ्य केंद्र है, जो कई माह से बंद पड़ा हुआ है। भवन पर यूं तो रंगाई-पुताई की हुई है और प्रसार-प्रसार के लिए स्लोगन भी लिखवाए गए हैं, लेकिन यहां चिकित्सक का अभाव होने के कारण भवन पर ताला लटका है। कमरे व भवन परिसर में घास उग आई और झाड़-झंकाड़ खड़े है।
गांव निवासी कांग्रेस नेता तिलकराम गुर्जर व रामपाल शर्मा व रामबीर सिंह ने बताया कि अस्पताल में पहले तो डाक्टर बैठते थे, लेकिन अब कई माह से अस्पताल बंद पड़ा है। गांव में स्वास्थ्य सेवा न मिलने पर ग्रामीणों को उपचार के लिए हस्तिनापुर सीएचसी अथवा मवाना सीएचसी जाना पड़ता है। विभाग के अधिकारी भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। यह हाल तो तब है, जबक डेंगू कहर बरपा रहा है और घर-घर में बुखार के रोगी है।
इन्होंने कहा..
उप स्वास्थ्य केंद्र मात्र टीकाकरण के लिए ही खुलते हैं जहां पर एएनएम कैंप लगाकर टीकाकरण करती हैं। व्यवस्था कैसी है, दिखवाकर दुरुस्त कराई जाएगी।
-डा.राहुल वर्मा, सीएचसी प्रभारी, हस्तिनापुर