छात्र अब 300 रुपये में देंगे मूल्यांकन की चुनौती

प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में चुनौती मूल्यांकन की समान व्यवस्था लागू कर दी गई है। अब तक चौ. चरण सिंह विवि के छात्रों को कापी देखने के लिए जहां कुल 74 रुपये देने होते थे अब नई व्यवस्था लागू होने के बाद छात्रों को 300 रुपये शुल्क देने होंगे।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 06 Dec 2020 11:00 AM (IST) Updated:Sun, 06 Dec 2020 11:00 AM (IST)
छात्र अब 300 रुपये में देंगे मूल्यांकन की चुनौती
छात्र अब 300 रुपये में देंगे मूल्यांकन की चुनौती

मेरठ, जेएनएन। प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में चुनौती मूल्यांकन की समान व्यवस्था लागू कर दी गई है। अब तक चौ. चरण सिंह विवि के छात्रों को कापी देखने के लिए जहां कुल 74 रुपये देने होते थे, अब नई व्यवस्था लागू होने के बाद छात्रों को 300 रुपये शुल्क देने होंगे। नई व्यवस्था में छात्रों के अंक कम होने पर उसे मार्कशीट में संशोधित भी किया जाएगा और अधिक कम होने पर छात्रों को फेल भी किया जाएगा। चुनौती मूल्यांकन की व्यवस्था दो चरणों में होगी। पहले चरण में मूल्यांकित उत्तर पुस्तिका की स्कैन्ड कापी देखने की सुविधा और दूसरे चरण में मूल्यांकित उत्तर पुस्तिका का अवलोकन करने के बाद और मूल्यांकन से असंतुष्ट होने पर पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन करने की सुविधा होगी। चुनौती मूल्यांकन के प्रथम चरण के लिए परीक्षार्थी परीक्षाफल घोषित होने के 30 दिनों के अंदर आनलाइन आवेदन कर सकते हैं। उत्तर पुस्तिका देखने के लिए सभी पाठ्यक्रम के परीक्षार्थी को 300 रुपये प्रति प्रश्नपत्र आवेदन शुल्क आनलाइन जमा कराना होगा। आवेदन के बाद परीक्षार्थी को मूल्यांकित मूल उत्तर पुस्तिका की स्कैन्ड कापी अवलोकन के लिए आनलाइन उपलब्ध कराई जाएगी। उत्तर पुस्तिका का अवलोकन करने के बाद और मूल्यांकन से असंतुष्ट होने पर चुनौती मूल्यांकन के दूसरे चरण के लिए आवेदन कर सकते हैं।

45 दिनों में दूसरे चरण का आवेदन

चुनौती मूल्यांकन के दूसरे चरण के लिए सभी पाठ्यक्रम के परीक्षार्थी को 2,500 रुपये प्रति प्रश्नपत्र आवेदन शुल्क आनलाइन जमा कराना होगा। हर प्रश्नपत्र के चुनौती मूल्यांकन के दूसरे चरण में कम से कम चार विषय विशेषज्ञों या परीक्षकों की एक नामावली संबंधित विभागाध्यक्ष के जरिए परीक्षा नियंत्रक द्वारा कुलपति को प्रस्तुत की जाएगी।

संशोधित होगा अंकपत्र

चुनौती मूल्यांकन के बाद दोनों परीक्षकों द्वारा दिए गए प्राप्तांक का औसत निकाला जाएगा। औसत अंतिम रूप से स्वीकृत होगा और अंकपत्र में दिया जाएगा। यदि औसत और मूल प्राप्तांक में 20 फीसद से अधिक का अंतर होता है, तब परीक्षार्थी द्वारा जमा किए गए शुल्क 2,500 रुपये में से 1,000 रुपये काटकर शेष परीक्षार्थी को वापस कर दी जाएगी।

परीक्षक के खिलाफ होगी कार्यवाही

चुनौती मूल्यांकन में प्राप्तांक में 20 फीसद से अधिक बदलाव होने की स्थिति में प्राथमिक स्तर पर मूल परीक्षक को नोटिस भेजा जाएगा। यदि ऐसे परीक्षक के तीन से अधिक प्रकरण एक ही प्रश्नपत्र में आते हैं तो उस परीक्षक के संबंधित प्रश्नपत्र के मूल्यांकन का पूरा पारिश्रमिक रोक दिया जाएगा। पांच से अधिक प्रकरण एक ही प्रश्नपत्र में आते हैं, तो परीक्षक को कम से कम दो साल के लिए परीक्षा संबंधी कार्यों से डिबार किया जाएगा। 10 से अधिक प्रकरण आने पर परीक्षक के निजी विवरण पुस्तिका में प्रतिकूल टिप्पणी दर्ज की जाएगी।

सीसीएसयू की व्यवस्था

सीसीएसयू में अब तक की व्यवस्था के अंतर्गत छात्र 10 रुपये जमा कर आरटीआइ में कापी देखने का आवेदन करते थे। यदि 32 पेज की कापी है तो छात्र को दो रुपये प्रति पेज के हिसाब से 64 रुपये और जमा करने होते हैं। कुल 74 रुपये में छात्र कापी देख लेते हैं। असंतुष्ट होने पर तीन हजार रुपये जमा करने पर कापी दोबारा चेक की जाती है।

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