मेरठ में सख्ती : अब रात दस से सुबह छह बजे तक नहीं बजेंगे लाउडस्पीकर
रात दस बजे से सुबह छह बजे तक धर्मस्थलों पर लाउडस्पीकर बजाने पर सुप्रीम कोर्ट ने पहले से ही रोक का आदेश किया हुआ है। पंचायत चुनाव में इसका पूरी तरह से पालन कराया जाएगा। धार्मिक स्थलों और सभाओं के दौरान रात में लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
मेरठ, जेएनएन। रात दस बजे से सुबह छह बजे तक धर्मस्थलों पर लाउडस्पीकर बजाने पर सुप्रीम कोर्ट ने पहले से ही रोक का आदेश किया हुआ है। हाल में पंचायत चुनाव में इसका पूरी तरह से पालन कराया जाएगा। धार्मिक स्थलों और गांव में सभाओं के दौरान रात में लाउडस्पीकर पर पूर्णतया प्रतिबंध लगा दिया गया है। दिन में भी लाउडस्पीकर अब निर्धारित मानक की ध्वनि ही निकालेंगे। ऐसा न करने पर यदि कोई शिकायत मिली तो संबंधित व्यक्ति अथवा संस्था के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
मालूम हो कि चैन की नींद लेने के लिए शांत माहौल का होना अति आवश्यक है। ध्वनि प्रदूषण से नींद पूरी न होने पर लोग कई तरह की बीमारियों के शिकार होते हैं। प्रयागराज के एक ऐसे ही चर्चित मामले में इलाहाबाद विवि की कुलपति द्वारा एक धर्मस्थल से रोज अल सुबह आती तेज आवाज से उनकी नींद खराब होने की शिकायत के बाद वहां के आइजी ने रेंज में कहीं भी रात में लाउडस्पीकर बजाने पर सख्ती से प्रतिबंध लगा दिया।
बहरहाल, एडीजी राजीव सभरवाल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट का पहले से आदेश है कि रात को दस बजे से सुबह छह बजे तक कहीं भी लाउडस्पीकर नहीं बजाए जाएंगे। अब इसका सख्ती से पालन करने के निर्देश जोन के सभी कप्तानों को दिए गए हैं। धाíमक स्थलों के अलावा देहात में चल रहे पंचायत चुनाव में भी रात में लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
इसी क्रम में एसएसपी अजय साहनी ने बताया कि सभी थाना प्रभारियों को भी रात में लाउडस्पीकर बंद करवाने के निर्देश दे दिए है। दिन में भी आवासीय एरिया में 55 डेसीबल और कामर्शियल एरिया में 65 डेसीबल से ज्यादा शोर नहीं होना चाहिए। एसएसपी ने बताया कि मेरठ में पहले से ही धाíमक स्थलों में रात को लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध लगा हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत चुनाव में रात को होने वाली सभा में लाउडस्पीकर पर रोक लगा दी गई है।