बुलंदशहर में बढ़ी थैलेसीमिया रोगियों की संख्या, एक पखवाड़े में दो बच्चों की मौत

बुलंदशहर में थैलेसीमिया मिशन के संयोजक मनवीर सिंह ने कहा कि जिला अस्पताल में अच्छी गुणवत्ता के फिल्टर का प्रयोग नहीं हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने रोगियों की संख्या बढऩे के बाद भी पीआरवीसी मशीन की डिमांड नहीं की है।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 04:37 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 04:37 PM (IST)
बुलंदशहर में बढ़ी थैलेसीमिया रोगियों की संख्या, एक पखवाड़े में दो बच्चों की मौत
बुलंदशहर में बढ़ी थैलेसीमिया रोगियों की संख्या, एक पखवाड़े में दो बच्चों की मौत

बुलंदशहर, जागरण संवाददाता। जिले में थैलेसीमिया रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग थैलेसीमिया से ग्रस्त बच्चों को ब्लड चढ़ाने की व्यवस्थाओं को व्यवस्थित नहीं कर पा रहा है। विभाग थैलेसीमिया रोग से बचाव और जागरूकता को लेकर

भी गंभीर नहीं है। जिससे गंभीर बीमारी से ग्रस्त बच्चे मुश्किल में हैं। पिछले एक पखवाड़े में दो थैलेसीमिया से ग्रस्त बच्चों की स्पिलिन बढऩे से मौत हो गई है।

जिले में बढ़ी थैलेसीमिया रोगियों की संख्या

जनपद में थैलेसीमिया रोगियों की संख्या लगातार बढऩे के बाद भी विभाग कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रहा है। स्वास्थ्य विभाग जनपद में तेजी से बढ़ रही थैलेसीमिया रोगियों की संख्या को लेकर ङ्क्षचतित नजर आ रहा है। थैलेसीमिया से बचाव और जागरूकता के लिए भी विभाग जरूरी कदम नहीं उठा पा रहा है। जिले में अब तक थैलेसीमिया रोगियों की संख्या बढ़कर लगभग 115 हो गई है।

फरहान और इब्राहिम की हुई मौत

शुक्रवार को सिकंदराबाद निवासी आठ वर्षीय इब्राहिम की तिल्ली बढऩे से मौत हो गई। वहीं 15 दिन पूर्व सिकंदराबाद के ही थैलेसीमिया फरहान की मौत हो गई थी। थैलेसीमिया मिशन के संयोजक मनवीर सिंह ने कहा कि जिला अस्पताल में अच्छी गुणवत्ता के फिल्टर का प्रयोग नहीं किया जा रहा है। जिले में थैलेसीमिया रोग तेजी से पैर पसार रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने रोगियों की संख्या बढऩे के बाद भी शासन से पीआरवीसी मशीन की डिमांड नहीं की है। जिसके चलते थैलेसीमिया से ग्रस्त बच्चे हेपेटाइटिस व एचआइवी संक्रमित हो रहे हैं। विभाग थैलेसीमिया रोग से बचाव और जागरूकता भी नहीं फैला रहा है। डाक्टरों को थैलेसीमिया से ग्रस्त बच्चों के उपचार के लिए प्रशिक्षण दिलाया जाए।

इन्होंने कहा ...

जिला अस्पताल में फिल्टर के माध्यम से थैलेसीमिया से ग्रस्त बच्चों को ब्लड चढ़ाया जाता है। थैलेसीमिया की बच्चों की जरूरत के हिसाब ब्लड बैंक में ब्लड की व्यवस्था रहती है।

- डा. राजीव प्रसाद, सीएमएस

यह एक गंभीर और अनुवांशिक रोग है। जिला अस्पताल में ब्लड चढ़वाने के लिए आने वाले स्वजन की काउंसलिंग भी कराई जाती है। जिले में ब्लड सेपरेशन की व्यवस्था नहीं हैं।

- डा. विनय कुमार सिंह, सीएमओ

chat bot
आपका साथी