राज्य स्तरीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी में उठी डीएपी उपलब्धता की मांग, मेरठ से चावल के रिकार्ड निर्यात की दी जानकारी

कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा की अध्यक्षता में सोमवार को राज्य स्तरीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी 2021 लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से आनलाइन आयोजित की गई। आनलाइन खरीफ गोष्ठी में कृषि विभाग के अधिकारियों ने फसलों को लेकर समीक्षा की।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Mon, 31 May 2021 05:20 PM (IST) Updated:Mon, 31 May 2021 05:20 PM (IST)
राज्य स्तरीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी में उठी डीएपी उपलब्धता की मांग, मेरठ से चावल के रिकार्ड निर्यात की दी जानकारी
राज्य स्तरीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी में उठी डीएपी उपलब्धता की मांग।

मेरठ, जेएनएन। कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा की अध्यक्षता में सोमवार को राज्य स्तरीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी 2021 लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से आनलाइन आयोजित की गई। आनलाइन खरीफ गोष्ठी में कृषि विभाग के अधिकारियों ने फसलों को लेकर समीक्षा की। प्रदेश स्तरीय गोष्ठी में मेरठ से मंडलायुक्त आलोक सिन्हा, डीएम के. बालाजी, कृषि उप निदेशक ब्रजेश चंद्र व कृषि विभाग के अधिकारी जुड़े और खरीफ फसलों की तैयारियों की जानकारी दी। शासन स्तर पर आनलाइन गोष्ठी में लखनऊ से कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही, लाखन सिंह, अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी व सभी विभागों के निदेशक मुख्य रूप से मौजूद रहे।

डीएम व कमिश्नर ने उठाई डीएपी उपलब्धता की मांग

शासन से आनलाइन लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से जुड़े मेरठ मंडलायुक्त सुरेंद्र सिंह व डीएम के. बालाजी ने डीएपी की उपलब्धता सुनिश्चित करने का विषय उठाया। जिस पर कृषि मंत्री ने उन्हें जल्द ही मेरठ में रैक पहुंचाने का भरोसा दिया। इसके अलावा मेरठ में गेहूं क्रय केंद्रों पर किसानों के बढ़ते रूझान को देखते हुए उन्हें 15 जून के बाद भी संचालन करने का आग्रह किया। जिस पर कृषि मंत्री ने कहा कि इस पर विचार किया जा रहा है। इसके अलावा सोलर पंप लगाने के लक्ष्य व एजेंसी को दिशा-निर्देश करने की बात भी गोष्ठी में उठाई गई।

चावल व बासमती का रिकार्ड निर्यात : डा. रितेश

सोमवार को आयोजित हुई राज्य स्तरीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी 2021 में प्रदेश से दो विज्ञानी जुड़े। जिसमें एक लखनऊ से डा. महक सिंह व दूसरे मेरठ के बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान के प्रधान विज्ञानी डा. रितेश शर्मा रहे। डा. रितेश शर्मा ने अपने व्याख्यान में बताया कि इस बार चावल व बासमती का निर्यात रिकार्ड स्तर पर पहुंचा है। चावल व बासमती दोनों मिलाकर 1.77 करोड़ टन निर्यात किया गया है। इसमें चावल 1.31 करोड़ टन व 46 लाख टन बासमती शामिल है। डा. रितेश ने कहा कि हमारे यहां धान जल्दी लग जाता है, जिससे गुणवत्ता खराब होती है, धान को पहले नहीं लगना चाहिए। इसके लिए कानून बनाने की आवश्यकता है। पंजाब और हरियाणा में पहले से ही इस संबंध में कानून लागू हैं। उन्होंने कहा कि 15 मई से धान के बीज की बिजाई न की जाए। कतार में ही धान की रोपाई की जाए। पीबी 1637 किस्म को बढ़ावा देने की पहल भी की।  

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