गौड़ीय मठ महंत पर यौन उत्पीडऩ मामले में नहीं हो सकी जिरह, तय हुई सुनवाई की तिथि Muzaffarnagar News

जेल में निरुद्ध शुकतीर्थ स्थित गौड़ीय मठ के महंत व उसके शिष्य पर यौन उत्पीडऩ के आरोप में चल रही सुनवाई के तहत सोमवार को कोर्ट में जिरह नहीं हो सकी। बचाव पक्ष के अधिवक्ता के प्रत्यावेदन पर कोर्ट ने सुनवाई की अगली तिथि एक अक्टूबर तय कर दी है।

By Prem BhattEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 09:20 PM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 09:20 PM (IST)
गौड़ीय मठ महंत पर यौन उत्पीडऩ मामले में नहीं हो सकी जिरह, तय हुई सुनवाई की तिथि Muzaffarnagar News
गौड़ीय मठ के महंथ और उनका शिष्‍य ।

मुजफ्फरनगर, जेएनएन। जेल में निरुद्ध शुकतीर्थ स्थित गौड़ीय मठ के महंत व उसके शिष्य पर यौन उत्पीडऩ के आरोप में चल रही सुनवाई के तहत सोमवार को कोर्ट में जिरह नहीं हो सकी। बचाव पक्ष के अधिवक्ता के प्रत्यावेदन पर कोर्ट ने सुनवाई की अगली तिथि एक अक्टूबर तय कर दी है।

यौन उत्‍पीड़न की हुई थी पुष्टि

सात जुलाई को चाइल्डलाइन 1098 को प्राप्त हुई शिकायत के बाद शुकतीर्थ स्थित गौड़ीय मठ से पुलिस ने आठ बच्चों को मुक्त कराया था। बाल कल्याण समिति ने बच्चों की काउंसलिंग करा उनके बयान दर्ज कराए थे। बच्चों ने बयान में गौड़ीय मठ महंत भक्ति भूषण तथा उसके शिष्य कृष्णमोहन दास के विरुद्ध गंभीर आरोप लगाए थे। मेडिकल परीक्षण में उत्तर पूर्वी राज्यों के चार बच्चों के साथ यौन उत्पीडऩ की पुष्टि हुई थी, जबकि बाकी बच्चों के शरीर पर चोट के निशान भी पाए गए थे।

श्रम न करने पर होती थी पिटाई

बच्चों ने आरोप लगाया था कि उन्हें शराब पिलाई जाती थी तथा श्रम न करने पर पिटाई होती थी। चाइल्डलाइन 1098 जिला समन्वयक राखी देवी की शिकायत पर थाना भोपा पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर भक्ति भूषण तथा उसके शिष्य कृष्णमोहन दास को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

पीड़ित बच्‍चे का दर्ज हुआ है बयान

कोर्ट ने भक्ति भूषण की जमानत भी निरस्त कर दी थी। विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो कोर्ट दिनेश कुमार शर्मा ने बताया कि कोर्ट दोनों आरोपितों पर आरोप तय कर चुकी है। एक पीडित बच्चे का मुख्य बयान भी कोर्ट में हो चुका है, तथा उससे जिरह चल रही है। सोमवार को कोर्ट में जिरह होनी थी, लेकिन बचाव पक्ष के अधिवक्ता के प्रत्यावेदन पर कोर्ट ने सुनवाई की अगली तिथी अब एक अक्टूबर निर्धारित कर दी।  

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