इतनी लंबी ट्रेन, कोच कहां आएगा..पता नहीं

महीने में करोड़ों की आय देने वाला सिटी स्टेशन पर असुविधाओं का बोलबाला है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Nov 2018 07:00 AM (IST) Updated:Wed, 21 Nov 2018 07:00 AM (IST)
इतनी लंबी ट्रेन, कोच कहां आएगा..पता नहीं
इतनी लंबी ट्रेन, कोच कहां आएगा..पता नहीं

मेरठ। महीने में करोड़ों की आय देने वाला सिटी स्टेशन पर असुविधाओं का बोलबाला है। हालात इतने खराब हो गए कि यहां एक भी सुविधा मौजूद नहीं है। डिजिटल स्टेशन का ढिंढोरा पीटने वाला रेलवे का यह बयान सिटी स्टेशन की स्थिति देखकर झुठला रहा है। लंबी दूरी की ट्रेन के सिटी स्टेशन पर आते ही यात्रियों को सबसे अधिक परेशानी कोच ढूंढने में होती है। कई साल गुजर गए लेकिन यहां कोच डिस्पले सिस्टम नहीं लग सका है।

रेलवे की 'ए' श्रेणी के स्टेशनों में शुमार सिटी स्टेशन पर सरकार और जनप्रतिनिधियों की नजरें अभी टेढ़ी हैं। स्टेशन पर ट्रेन डिस्पले सिस्टम से लेकर आटोमेटिक टिकट वेडिंग मशीन खराब हुए एक साल से अधिक का समय हो गया है लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। इसके अलावा कोच डिस्पले सिस्टम, ऑनलाइन फूड की व्यवस्था भी अभी स्टेशन पर नहीं की गई है। वहीं सुरक्षा की दृष्टि से यहां सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए लेकिन यह सिर्फ शो-पीस की तरह लटके हुए हैं।

तीन साल पहले लगे कोच डिस्पले सिस्टम ठप

रेलवे ने तीन साल पहले सिटी स्टेशन पर कोच डिस्पले सिस्टम लगाया था लेकिन इनका संचालन नहीं हो सका। जिसके बाद हाल ही में एक महीने पहले इन्हें उतार लिया गया। अभी तक इन्हें नहीं लगाया गया है। जिससे यात्रियों को कोच ढूंढने में दिक्कतें आ रही हैं। लंबी दूरी की ट्रेनों में 22 से 23 कोच लगे होते हैं। सिटी स्टेशन पर ट्रेन के आने के बाद यात्रियों को अपना कोच ढूंढने की हड़बड़ाहट रहती है।

लिफ्ट और एस्केलेटर का भगवान मालिक

करोड़ों की लागत से एस्केलेटर और लिफ्ट का शुभारंभ सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने किया लेकिन इसके संचालन का भगवान ही मालिक है। एस्केलेटर तो शुरुआत से ही बंद है। सिर्फ लिफ्ट कभी-कभार चल जाती है। ट्रेनों में लगे कोच की संख्या

शालीमार एक्सप्रेस - 23

योगा एक्सप्रेस - 23

ओखा एक्सप्रेस - 22

गोल्डन टेंपल - 22

उत्कल एक्सप्रेस - 22 कोच

सुपर एक्सप्रेस - 18

देहरादून एक्सप्रेस - 14 इन्होंने कहा--

इसके लिए प्रक्रिया चल रही है। हाल ही में सभी पुराने सिस्टम को उतार लिया गया था। यात्रियों को दिक्कत आती है। इसके लिए दोबारा मुख्यालय को लिखा जाएगा।

-आरपी शर्मा, सिटी स्टेशन अधीक्षक

chat bot
आपका साथी