कोविड से अनाथ बच्चों को मिलेगी सरकारी मदद, छह तरह के प्रमाण पत्र और इन 21 सवालों का देना है जवाब, जानिए पूरी प्रक्रिया
कोरोना महामारी में अनाथ हुए बच्चों की मदद के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार ने मदद की घोषणा की। मदद पाने के लिए तय किए गए मानक बन रहे परेशानी का सबब। आवेदक को छह तरह के प्रमाण पत्र और 21 सवालों का देना है जवाब।
मेरठ, जेएनएन। कोरोना महामारी ने कई बच्चों को बेसहारा और अनाथ कर दिया है। ऐसे बच्चों की मदद के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार ने मदद की घोषणा की। स्थानीय स्तर पर अधिकारी भी मदद के लिए गांव-गांव दौड़े, लेकिन मदद के लिए तय किए गए मानक ही असल परेशानी का सबब बन रहे हैं। बेसहारा होने वाले बच्चों को मदद प्राप्त करने से अपने माता-पिता की मृत्यु का साक्ष्य देने के साथ तमाम तरह के प्रमाण पत्र भी अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत करने होंगे।
महामारी से बेसहारा और अनाथ हुए बच्चों की तलाश कर उन्हें मदद पहुंचाने की पहल शुरू कर दी गई है। साथ ही केंद्र और प्रदेश सरकार की घोषणा के अनुसार मदद देने के लिए आवेदन फार्म भी भरवाने शुरू कर दिए गए हैं। सबसे अधिक दिक्कत आवेदन के साथ लगने वाले प्रमाण पत्र को लेकर है। क्ययोंकि अनाथ बच्चे अभी अपने रिश्तेदारों के यहां शरण लिए हुए हैं, जबकि ऐसे बेसहारा बच्चे जो अपने मां या पिता को खो चुके हैं, उनके घर की स्थिति भी ठीक नहीं है। ऐसे में जरूरी नियमों को पूरा करना और प्रमाण पत्रों को बनवाकर आवेदन फार्म के साथ जमा करना बच्चों के साथ बड़ों के लिए भी परेशानी का सबब बना है।
15 दिन का मिला है समय
बेसहारा और अनाथ बच्चों की मदद के लिए आवेदन प्राप्त करने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है। बाल कल्याण समिति पात्र बच्चों का आवेदन प्राप्त करेगी और जांच पड़ताल के बाद आगे बढ़ाएगी। इसके बाद जनपदीय स्तरीय टास्क फोर्स और जिला बाल संरक्षण इकाई आवेदन फार्म की अधूरी प्रक्रिया को पूर्ण कराने का काम करेगी।
21 सवालों का देना होगा जवाब
मदद के लिए बेसहारा और अनाथ बच्चे को आवेदन फार्म में 21 सवालों का जवाब देना होगा। इसमें अपने पते से लेकर माता-पिता की मृत्यु के कारण, वर्तमान अभिभावक, आधार नंबर, मोबाइल नंबर और बैंक खाते की जानकारी मांगी गई है।
लगातार बढ़ रही संख्या
मेरठ के साथ मंडल के जनपदों में अनाथ और बेसहारा बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मेरठ में जहां आठ बच्चे पूरी तरह अनाथ हुए हैं, वहीं मंडल में 57 बच्चे अनाथ हुए हैं। मेरठ में जहां 75 बच्चों ने अपने मां या पिता को खोया है, वहीं मंडल में 339 बच्चे मां-पिता को खोकर बेसहारा हो गए हैं। अब मंडल में 396 बेसहारा और अनाथ बच्चे हैं।
जरूरी प्रमाण पत्र
- बच्चे और अभिभावक की फोटो
- मां और पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र
- बच्चे का आयु प्रमाण पत्र
- शिक्षण संस्था का पंजीकरण प्रमाण पत्र
- प्रदेश में निवास करने का घोषणा पत्र
- मां या पिता की मृत्यु होने पर आय प्रमाण पत्र
इन्होंंने बताया...
आवेदन फार्म के साथ लगने वाले प्रमाण पत्र बनवाने में जनपदीय स्तरीय टास्क फोर्स मदद करेगी। बेसहारा और अनाथ बच्चों को हर स्तर पर मदद दी जाएगी। किसी को परेशान होने की जरूरत नहीं है।
- महेश कर्णवाल, उप मुख्य परिवीक्षा अधिकारी