गुलजार रहने वाली तहसील में पसरा सन्नाटा..अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत
मवाना में आम दिनों में भीड़ से गुलजार दिखने वाली तहसील में कोरोना महामारी का ग्रहण पड़ गया है। शुक्रवार को जहां भीड़ नदारद रही वहीं अधिवक्ता दस्तावेज लेखक इत्यादि के चैंबर सूने नजर आए।
मेरठ, जेएनएन। मवाना में आम दिनों में भीड़ से गुलजार दिखने वाली तहसील में कोरोना महामारी का ग्रहण पड़ गया है। शुक्रवार को जहां भीड़ नदारद रही, वहीं अधिवक्ता, दस्तावेज लेखक इत्यादि के चैंबर सूने नजर आए।
तहसील में प्रतिदिन गांवों के सैकड़ों लोगों का आवागमन रहता है। वादकारियों के अलावा बैनामे व तहसील संबंधी अन्य कार्यों से लोगों का तहसील में आवागमन बना रहता है, जिससे सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक तहसील में रौनक रहती है। उधर, कोरोना महामारी के चलते लोगों का आवागमन नगण्य हो गया है। वहीं, अधिकारी भी चुनाव की वजह से नहीं बैठ पा रहे हैं। शुक्रवार को दस्तावेज लेखक व अधिवक्ताओं के चैंबर भी सूने नजर आए। तहसील परिसर में दिनभर सन्नाटा पसरा रहा।
तीन मई तक न्यायिक कार्य से विरत हैं अधिवक्ता : तहसील के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं बार एसोसिएशन के संरक्षक नरेंद्र कुमार रस्तोगी एडवोकेट ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते एक मई तक न्यायिक कार्य नहीं करने का प्रस्ताव पास किया था, लेकिन अब लाकडाउन की वजह से 3 मई तक न्यायिक कार्य नहीं किया जाएगा।
कोविड जांच के दौरान शारीरिक दूरी भूले एजेंट : सरूरपुर क्षेत्र में प्रत्याशी अपने एजेंटों के साथ शुक्रवार को सीएचसी पहुंचे, जहां उन्होंने कोविड-19 की जांच कराई। इस दौरान लोग शारीरिक दूरी का पालन करना ही भूल गए। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने लाइन में व्यवस्था भी बनवाई, लेकिन, थोड़ी देर बाद फिर स्थिति जस की तस हो गई। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग की दो टीम थीं, जो लोगों के सैंपल ले रही थी। इस दौरान एक-दूसरे से पहले जांच कराने की होड़ में लोग शारीरिक दूरी का पालन करना ही भूल गए। उधर, 372 लोगों की जांच में से 40 लोगों की रिपोर्ट पाजिटिव मिली। जिन्हें स्वास्थ्य विभाग ने होम क्वारटाइंन कर दिया गया। यह जानकारी प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. ओपी जायसवाल ने दी।