बधिरों को 'आवाज' दे रहा मूक विद्यालय

विश्व दिव्यांग दिवस के मौके पर प्रदेश सरकार द्वारा मेरठ कैंट स्थित मूक विद्यालय को दिव्यांगजन के निमित्त कार्यरत सर्वश्रेष्ठ संस्था के रूप में पुरस्कृत करने के लिए चयनित किया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 04 Dec 2020 09:00 AM (IST) Updated:Fri, 04 Dec 2020 09:00 AM (IST)
बधिरों को 'आवाज' दे रहा मूक विद्यालय
बधिरों को 'आवाज' दे रहा मूक विद्यालय

मेरठ, जेएनएन। विश्व दिव्यांग दिवस के मौके पर प्रदेश सरकार द्वारा मेरठ कैंट स्थित मूक विद्यालय को दिव्यांगजन के निमित्त कार्यरत सर्वश्रेष्ठ संस्था के रूप में पुरस्कृत करने के लिए चयनित किया है। विद्यालय में प्री-नर्सरी से उच्च माध्यमिक शिक्षा के अलावा यहां दिव्यांग बच्चों को कई तरह की वर्कशाप और साइन लैंग्वेज भी सिखाई जाती हैं, जिससे बच्चे आत्मनिर्भर बनकर अपने पैरों पर खड़े हो सकें।

61 साल पहले हुई शुरुआत

वर्तमान में अपनी अलग पहचान बना चुके दिव्यांग बच्चों के इस मंदिर की स्थापना वर्ष 1959 में हुई। समाजसेवी मदन गोपाल सिंघल ने लोगों की मदद से मूक बधिर विद्यालय सहित एसडी ब्वायज इंटर कालेज और सदर स्थित एसडी कन्या इंटर कालेज की स्थापना की। तब से आज तक सैकड़ों दिव्यांग बच्चे विद्यालय से शिक्षित होकर समाज की मुख्यधारा का हिस्सा बन चुके हैं।

बच्चों को दी जाती है हर क्षेत्र की जानकारी

विद्यालय में बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास करने के लिए शिक्षा के साथ ही कम्प्यूटर की जानकारी, क्रिकेट बैडमिंटन, बालीबाल, जूड़ो कराटे और यहां तक कि शूटिंग रेंज का प्रशिक्षण भी दिया जाता हैं। वर्ष 2017 में विद्यालय में शूटिंग रेंज प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की गई। इसके साथ ही बच्चों को मोमबत्ती, चाक, दीपक और अन्य सजावटी सामान बनाने का हुनर भी सिखाया जाता हैं।

देश-विदेश में बच्चे कर रहे नाम रोशन

प्रधानाचार्य अमिता कौशिक बताती हैं कि कई खेलों में हमारे बच्चे देश और विदेश में नाम रोशन कर चुके हैं। कई होनहार खिलाड़ी मलेशिया और नेपाल जाकर भी अपनी पहचान बना चुके है। वहीं कई बच्चे अमेजन के अलावा कई आटोमोबाइल कंपनी, सरकारी नौकरी, विशाल मेगा मार्ट, नगर निगम और बैंक में भी कार्यरत हैं।

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