कैंट बोर्ड के रवैये से गड्ढा बाजार के दुकानदार खफा

बेगमपुल जीरोमाइल के पास प्रस्तावित रैपिड रेल स्टेशन के संपर्क मार्ग के दायरे में आ रहे गड्ढा मार्केट के 50 दुकानदार गुरुवार कैंट बोर्ड कार्यालय पहुंचे।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 03:30 AM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 03:30 AM (IST)
कैंट बोर्ड के रवैये से गड्ढा बाजार के दुकानदार खफा
कैंट बोर्ड के रवैये से गड्ढा बाजार के दुकानदार खफा

मेरठ, जेएनएन। बेगमपुल जीरोमाइल के पास प्रस्तावित रैपिड रेल स्टेशन के संपर्क मार्ग के दायरे में आ रहे गड्ढा मार्केट के 50 दुकानदार गुरुवार कैंट बोर्ड कार्यालय पहुंचे। गड्ढा मार्केट व्यापार संघ के अध्यक्ष सतपाल भाटिया और महामंत्री मनीष अग्रवाल ने सीईओ के सामने अपना पक्ष रखा व कहा कि अगर उनकी दुकानें हटाई जाती हैं, तो उन्हें दुकान के लिए अलग जगह दी जाए। सतपाल भाटिया ने कहा कि 1971 से वे लगातार कैंट बोर्ड को किराया दे रहे हैं। यही नहीं, 1990 में पक्की दुकानें बनाने के लिए भी उनका पैसा कैंट बोर्ड के पास जमा है। महामंत्री मनीष अग्रवाल ने कहा कि आबूलेन में खाली पड़ी भूमि दुकानें बनाने के लिए दी जा सकती है। जिस पर सीईओ ने कहा कि दुकानों के बदले में कहीं और भूमि देना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है। वे रक्षामंत्रालय के आदेशों का पालन करेंगे। सीईओ से वार्ता के बाद व्यापारियों ने सासद राजेंद्र अग्रवाल से मिलने की योजना बनाई। मनीष अग्रवाल ने कहा कि व्यापारी तब तक अपनी जगह नहीं छोडें़गे, जब तक उन्हें कहीं और दुकानें बना कर नहीं दी जाती है। उन्होंने कहा कि अगर स्टेशन के पास भी दुकानें बना कर दी जाएंगी तो वे इसके लिए तैयार हैं। कहा इसके लिए व्यापारी आदोलन करने के लिए तैयार हैं। संयुक्त व्यापार संघ के दोनो गुटों ने उनका समर्थन किया है। इस अवसर पर अल्ला राजी, गाबा, दीपक सेठी, चाद, नबिया आदि दुकानदार मौजूद रहे।

सीईओ से मिले व्यापारी

गुरुवार को सदर और लालकुर्ती के व्यापारी कैंट बोर्ड के सीईओ नवेंद्रनाथ से मिले। उनकी अलग-अलग मांगें थी। सदर क्षेत्र के व्यापारियों ने सीईओ से मिलकर सदर बाजार में सिटी बेकरी के पीछे चल रहे कारखाने से हो रही परेशानी को बताया। उनका आरोप था कि आवासीय क्षेत्र में कारखाना चल रहा है। कारखाने में स्प्रे का काम होने से आसपास के लोगों को परेशानी हो रही है। सदर व्यापार मंडल के अध्यक्ष सुनील दुआ, महामंत्री अमित बंसल, कोषाध्यक्ष विशाल आनंद और मुकेश यादव ने बताया कि सीईओ ने आश्वासन दिया है। हालांकि इसे लेकर पूर्व में भी वह लिखित शिकायत कर चुके हैं, फिर भी स्थिति जस की तस है।

लालकुर्ती के व्यापारी की गुहार

रैपिड रेल प्रोजेक्ट को लेकर व्यापारियों की चिता शुरू हो गई है। लालकुर्ती पैठ की दुकानें भी प्रोजेक्ट में आ रहीं हैं। दुकान हटाने को लेकर परेशान व्यापारी गुरुवार को छावनी परिषद के सीईओ नवेंद्र नाथ से मिले। उन्होंने कहा कि वे सालों से यहां हैं। 1971 में कैंट बोर्ड ने टीन डालकर दुकानें दी थीं। ऐसे में दुकान हटाए जाने पर वह कहा जाएंगे। व्यापारी नेता मनीष अग्रवाल ने बताया कि रेल प्रोजेक्ट से जुड़े लोग उनसे आइडी और बैंक की जानकारी मांग रहे हैं। व्यापारी ने कैंट बोर्ड सीईओ से वैकल्पिक व्यवस्था की मांग की।

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