शीरा लदे टैंकर ने गर्भवती बहू व सास को कुचला, मौत

नगर स्थित किला परीक्षितगढ़ बस स्टैंड के सामने मंगलवार अपराह्न शीरे से लदे बेकाब

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 07:10 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 07:10 PM (IST)
शीरा लदे टैंकर ने गर्भवती बहू व सास को कुचला, मौत
शीरा लदे टैंकर ने गर्भवती बहू व सास को कुचला, मौत

मेरठ,जेएनएन। नगर स्थित किला परीक्षितगढ़ बस स्टैंड के सामने मंगलवार अपराह्न शीरे से लदे बेकाबू टैंकर ने बाइक सवारों को रौंद दिया। जिसमें गर्भवती बहू व सास की मौत हो गई। पुलिस ने सड़क पर पड़े दोनों के क्षतविक्षित शवों को समेटकर मर्चरी हाउस भेज दिया। इस बीच मौके पर पहुंचे बहू के मायके वालों ने जाम लगाकर कार्रवाई की मांग की।

जनपद मुजफ्फरनगर की तहसील जानसठ क्षेत्र के गांव जटौर निवासी 55 वर्षीय सुरेंद्रपाल के बेटे अंकुर का विवाह एक साल पूर्व हिमायूंपुर निवासी रीना के साथ हुआ था। मंगलवार को सुरेंद्रपाल गर्भवती बेटे की पत्नी को मायके मिलाने के लिए बाइक पर बैठाकर ले जा रहा था। साथ में पत्नी बबली 52 वर्ष भी थी। जैसे ही अपराह्न करीब साढ़े तीन बजे वह मवाना स्थित मिल रोड किला परीक्षितगढ़ बस स्टैंड के सामने पहुंचे तो पीछे से आए शीरे से लदे टैंकर ने बाइक को टक्कर मार दी। जिसमें तीनों लोग बाइक से नीचे गिर गए। आरोपित चालक टैंकर को रोकने की बजाए बजाए स्पीड बढ़ाते हुए बबली व रीना को रौंदते हुए भाग निकाला। रीना के पेट के ऊपर से टैंकर का पहिया उतरा तो बबली के सिर को कुचल दिया। दोनों के शव मांस के लोथड़े में बंट गए।

सूचना पर इंस्पेक्टर विष्णु कौशिक पुलिस बल के साथ पहुंच गए और क्षतविक्षित शवों के टुकड़ों को समेटकर एंबुलेंस से मर्चरी भेजा। सूचना पर बहू के मायके वाले ट्रैक्टर-ट्राली व अन्य वाहनों से पहुंच गए और जाम लगा दिया। पुलिस पर शवों को जल्द हटाने और आरोपित टैंकर चालक को भगाने के आरोप लगाए। हालांकि इंस्पेक्टर भागे आरोपित टैंकर का नंबर ट्रेस होने और जल्द पकड़ने का आश्वासन दिया लेकिन लोग नहीं माने। बाद में पुलिस को शीरे से लदा एक टैंकर मिला जिसमें चालक नहीं था।

काफी देर बाद एसडीएम कमलेश गोयल वहां पहुंचे और आरोपित चालक की गिरफ्तारी के साथ मुख्यमंत्री राहत कोष से उचित मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया लेकिन लोग तब भी नहीं माने। मौके पर सीओ उदय प्रताप सिंह व कई थानों की फोर्स पहुंच गई लेकिन देर शाम तक लोग डटे हुए थे।

हादसे में पुत्रवधु व पत्नी को खो चुके सुरेंद्र भी बाल-बाल बचे। हादसे के बाद वह दोनों के शवों के पास बैठकर रोने लगे। किसी तरह अपने को संभाला और फोन से हादसे की जानकारी स्वजन को दी।

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