Hariom Anand Suicide Case: शेयर होल्डर ने तोड़ी चुप्‍पी, कहा- हरिओम आनंद की मौत का कारण उनके घर में ही है

हरिओम आनंद आत्महत्या प्रकरण में शेयर होल्डरों और फाइनेंसरों ने चुप्‍पी तोड़ते हुए कहा कि हरिओम आनंद के मौत का राज उनके घर में ही दबा पड़ा है। इस दौरान कई बातें सामने आई।

By Prem BhattEdited By: Publish:Wed, 08 Jul 2020 04:12 PM (IST) Updated:Wed, 08 Jul 2020 04:12 PM (IST)
Hariom Anand Suicide Case: शेयर होल्डर ने तोड़ी चुप्‍पी, कहा- हरिओम आनंद की मौत का कारण उनके घर में ही है
Hariom Anand Suicide Case: शेयर होल्डर ने तोड़ी चुप्‍पी, कहा- हरिओम आनंद की मौत का कारण उनके घर में ही है

मेरठ, जेएनएन। आनंद अस्पताल के मालिक हरिओम आनंद आत्महत्या प्रकरण में दस दिन बाद शेयर होल्डर और फाइनेंसर भी खुलकर सामने आए। जांच अफसर एसपी सिटी के सामने बयान दर्ज कराने के बाद उन्होंने हरिओम आनंद की हत्या पारिवारिक विवाद के चलते होना बताया है। शेयर होल्डरों के वकील ने कहा कि हरिओम की मौत का कारण उनके घर में ही है। बताया गया कि मानसी आनंद को अस्पताल में अधिकार नहीं दिए जाने से हरिओम आनंद तनाव में थे।

शेयर होल्डरों की ओर से हरिओम आनंद की मौत के बाद उनकी बेटी मानसी से फोन पर हुई बातचीत की ऑडियो भी वायरल की गई है, जिसमें मानसी आनंद सभी से परिवार के सदस्यों की तरह बातचीत कर रही हैं। आरोप यह भी लगाया गया कि शेयर होल्डरों के खिलाफ फर्जी और झूठी कहानी बनाकर शहर के पांच बड़े लोगों पर इसलिए इतना दबाव बनाया जा रहा है, ताकि और कोई कर्जदार आगे आकर अपना कर्ज न मांगे।

शेयर होल्डर के अधिवक्ता ने ये उठाए सवाल

शेयर होल्डरों व उनके साथियों (जीएस सेठी, ललित भारद्वाज, राहुल दास और आकाश खन्ना) के अधिवक्ता मदन शर्मा ने अतुल कृष्ण भटनागर के बयान का उदाहरण भी दिया। जिसमें कहा गया है कि हरिओम के घर के अंदर क्या क्या हो रहा था? हरिओम आनंद ने गौतम आंनद का इस्तीफा हुआ तो मानसी को डायरेक्टर क्यों नहीं बनाया? कौन से कारण थे कि आकाश खन्ना को फाइनेंसर कंट्रोलर बना दिया गया? अपनी बेटी मानसी को क्यों नहीं बनाया? अस्पताल के अंदर हरिओम ने अंतिम बार बयान के दौरान सिर्फ मुनेश पंडित, सलमान असलम और डाक्टर ऐलम खान के सामने ही सबकुछ कहा।

आखिरी समय तक हरिओम से आत्मीय रिश्ते थे: जीएस सेठी

मानसी ने जो आरोप लगाए हैं, वह सच नहीं हैं। हरिओम के वित्तीय अधिकार छीनकर आकाश खन्ना को देने की कहानी पूरी तरह से फर्जी है। 29 फरवरी को हरिओम और उनकी पत्नी मीना आनंद ने ही बैठक बुलाकर प्रस्ताव पारित कर अधिकृत किया। 15 फरवरी को आकाश खन्ना को कंपनी का फाइनेंशियल कंट्रोलर नियुक्त कर दिया गया था। हरिओम ने पीएनबी, एचडीएफसी बैंक को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स द्वारा पारित प्रस्ताव भेजा गया, क्योंकि हरिओम आनंद खुद आए दिन कर्जदारों को जबरन चेक देने से अपनी जान बचाना चाहते थे। हमें जानकारी मिली थी कि परिवार में हरिओम आनंद द्वारा मानसी को किसी भी तरह का कोई अधिकार आनंद अस्पताल में नहीं दिए जाने को लेकर तनाव था। मेरे द्वारा उन पर कभी कोई दबाव नहीं बनाया गया। -जीएस सेठी, शेयर होल्डर

कर्जदारों को डराने के लिए हम पर दबाव: ललित भारद्वाज

पिछले दो साल से हरिओम कर्ज को लेकर मानसिक तनाव से गुजर रहे थे। तभी मैने उनकी मदद की। लॉकडाउन के समय 27 मई को मेरे किडऩी के ऑपरेशन के दौरान भी मानसी ने चाय-बिस्कुट तक लेकर आई। हरिओम परिवार से हमारा इतना स्नेह था। कंपनी में शेयर होल्डर के नाते कभी कोई दबाव नहीं बनाया गया। मानसी ने मुझ पर जो आरोप लगाए, पूरी तरह से फर्जी हैं। 28 जून को सुबह मानसी से हुई बातचीत की ऑडियो सुनने के बाद हर कोई अंदाजा लगा सकता है। 48 घंटे बाद मानसी बदल गई और आरोप लगाया कि मेरे द्वारा मानसिक दबाव बनाए जाने पर हरिओम ने आत्महत्या की। हरिओम आनंद से समस्त अधिकार छीनकर अपने दोस्त आकाश खन्ना को दिए जाने की कहानी पूरी तरह से फर्जी है। ललित भारद्वाज, शेयर होल्डर

मेडिकल स्टोर में मेरी रकम, इसलिए मुझ पर निशाना: राहुल दास

जीएस सेठी और ललित भारद्वाज हमारे शोरूम पर एक पत्र टाइप कराने आए थे। टाइप कराकर दोनों हरिओम आनंद क घर जा रहे थे। तभी मैं और आकाश खन्ना भी उनके साथ हरिओम आनंद के घर चले गए। ललित ने मानसी, गौतम और मीना आनंद से सौहार्दपूर्ण तरीके से एक पत्र पर हस्ताक्षर कराए। इसके थोड़ी देर बात वहां से लौट गए। मेरा उक्त परिवार से किसी भी प्रकार का कोई विवाद नहीं हुआ है। आनंद अस्पताल के अंदर चलाए जा रहे मेडिकल स्टोर पर मेरी लाखों की रकम लगी है। उसी के चलते मेरा नाम इसमें घसीटा गया है। इस पूरे मामले की विस्तृत से जांच कर कार्रवाई की जाए। राहुल दास, दास मोटर्स के स्वामी

आत्महत्या से मेरा कोई लेना-देना नहीं: समय सिंह सैनी

हरिओम आनंद परिवार से हमारी बातचीत डेढ़ साल से बंद है। 25 लाख के चेक को लेकर विवाद चल रहा हैं, जो अदालत में है। हमारा आत्महत्या के मामले से कोई लेना-देना नहीं है। हमें आरोपित क्यों बनाया गया है, पुलिस इस मामले की सत्यता से जांच कर कार्रवाई करें।  

chat bot
आपका साथी