बेरहम ने सुहागरात के बाद ही नई दुल्हन को दो टुकड़ों में बांटा, इस तरह हुआ राजफाश

लालच में अंधा शाकिब नाम बदलकर एकता को प्रेमजाल में फंसाकर लुधियाना से करनाल लाया। वहां से घर लाकर उसकी हत्‍या कर दी। 15 लाख कीमत की ज्वेलरी लेकर आई थी एकता।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Tue, 02 Jun 2020 04:44 PM (IST) Updated:Wed, 03 Jun 2020 10:59 AM (IST)
बेरहम ने सुहागरात के बाद ही नई दुल्हन को दो टुकड़ों में बांटा, इस तरह हुआ राजफाश
बेरहम ने सुहागरात के बाद ही नई दुल्हन को दो टुकड़ों में बांटा, इस तरह हुआ राजफाश

मेरठ, जेएनएन। दौराला के लाहिया गांव में लव-जेहाद के बाद युवती की बेरहमी से हत्या की पटकथा सुनकर हर कोई कांप गया। 15 लाख की रकम के लिए बेरहम युवक ने अपना नाम बदलकर पहले युवती को प्रेमजाल में फंसाया। उसके बाद गांव लाकर शादी की। सुहागरात मनाने के बाद परिवार को साथ लेकर उसके कपड़े उतारे। उसके बाद शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर डाले। हाथ-पैर और सिर को तालाब में फेंका, जबकि धड़ को जंगल में गड्ढे में दबा दिया। उसके ऊपर नमक भी डाला गया।

यह है मामला 

बीस साल पहले संजीव कुमार अपने परिवार को लेकर हिमाचल प्रदेश के चिनौरा गांव से लुधियाना के बी-34 अंकुजा आनंद नगर में शिफ्ट हो गए थे। संजीव कुमार की बड़ी बेटी एकता बीकॉम की पढ़ाई के साथ-साथ पार्ट टाइम जॉब भी करती थी। एकता बीमार होने पर लुधियाना में तांत्रिक क्रिया का काम करने वाले दौराला के लाहिया नगर निवासी शाकिब के पास उपचार कराने गई थी।

उस समय शाकिब लुधियाना में दिलशाद के पास काम करता था। शाकिब ने एकता को अपने प्रेमजाल में फंसाया। साथ ही दिलशाद के पास से काम छोड़ने के बाद करनाल में आकर दुकान खोल ली। नौकरी दिलाने का बहाना बनाकर एकता काे भी करनाल बुला लिया। शाकिब ने एकता को अपना नाम अमन बताया था। इसलिए एकता भी उससे शादी करने के लिए तैयार हो गई। एकता अपने घर से 15 तोले सोना समेत 15 लाख का सामान लेकर आई थी। एकता को लेकर शाकिब अपने गांव आ गया।

ऐसे कर दिए टुकड़े-टुकड़े

मई 2019 काे शाकिब ने एकता से घर में शादी की। उसके साथ सुहागरात मनाई। तथा अपने परिवार की मदद से कोल्ड ड्रिंक में नशीली गोली डालकर पिला दी। उसके बाद अपने भाई मुस्सरत, पिता मुस्तकीम, भाभी रेशमा पत्नी नवेद और इस्मत पत्नी मुस्सरत एवं गांव के साथी अयान के साथ लोहिया गांव के जंगल में लेकर आ गए। रेशमा ने एकता के सभी कपड़े उतार दिए। उसके बाद सभी ने मिलकर बलकटी से उसके हाथ-पैर, सिर अलग अलग कर दिया। धड़ को गन्ने के खेत में गड्ढे में दबाकर नमक डाल दिया, जबकि हाथ-पैर और सिर को गांव के तालाब में फेंक दिया।

वॉट्सऐप और फेसबुक पर डीपी अपडेट करता रहा

शाकिब बड़ा ही शातिर था, जो 15 लाख की ज्वेलरी लेने के बाद एकता की हत्या कर करनाल वापस लौट गया। उसके बाद एकता का मोबाइल खुद प्रयोग करने लगा। एक साल तक उसने एकता के परिवार को उसके वाट्सएप से मैसेज भेजे। अक्सर उसकी डीपी भी बदलता रहा।

इतना ही नहीं उसके फेसबुक एकाउंट भी चला रहा था। परिवार की तरफ से की गई पोस्ट पर कमेंट तक करता था। ऐसे में पूरा परिवार समझ रहा था कि एकता जिंदा है। 20 मई 2020 को पुलिस की कॉल गई, तब परिवार के लोगों को एकता की हत्या के बारे में जानकारी मिली।

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