सेठ दयानंद गुप्ता का निधन, अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब Meerut News

84 वर्षीय सेठ दयानंद गुप्ता ने दिल्ली के मैक्स अस्पताल में अंतिम सांस ली। शनिवार 11 जनवरी से उनका इलाज चल रहा था।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Wed, 22 Jan 2020 06:55 PM (IST) Updated:Thu, 23 Jan 2020 10:49 AM (IST)
सेठ दयानंद गुप्ता का निधन, अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब Meerut News
सेठ दयानंद गुप्ता का निधन, अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब Meerut News

मेरठ, जेएनएन। शिक्षाविद्, व्यापारी नेता और विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े सेठ दयानंद गुप्ता (84 वर्ष) का बुधवार को निधन हो गया। दिल्ली के मैक्स अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। सेठ दयानंद गुप्ता शहर के लगभग सभी प्रमुख कॉलेजों के प्रबंध तंत्र में शामिल रहे। वर्तमान में वे मेरठ कॉलेज, डीएन कॉलेज, इस्माईल कॉलेज, डीएन पालीटेक्निक कॉलेज में अवैतनिक सचिव थे।

शैक्षणिक गुणवत्ता के सुधारक 

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पढ़े सेठ दयानंद गुप्ता को कॉलेजों में शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारने के लिए जाना जाता है। कुछ दिन पहले सर्दी की वजह से उनके सीने में संक्रमण हो गया था। शनिवार 11 जनवरी से उनका दिल्ली के मैक्स अस्पताल में इलाज चल रहा था। बुधवार को दोपहर चार बजे तक वह ठीक थे। अचानक शाम पांच बजे उनके निधन की सूचना मिली। उनका अंतिम संस्कार मेरठ में गुरुवार को होगा। सेठ दयानंद गुप्ता अपने पीछे दो पुत्र और अपनी प}ी डा. राजबाला गुप्ता को छोड़ गए हैं। उनके बड़े बेटे संजय अग्रवाल आस्ट्रेलिया में हैं। छोटे बेटे अजय अग्रवाल का मेरठ में अपना कारोबार है। सेठ दयानंद गुप्ता वर्ष 2000 से 2005 तक जिला पंचायत के अध्यक्ष भी रहे। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी में 1990 से 1999 तक कोषाध्यक्ष भी रहे।

सेठ दयानंद गुप्ता के निधन पर शोक की लहर

शिक्षाविद राजनेता, समाजसेवी और विभिन्न संगठनों से जुड़े सेठ दयानंद गुप्ता का बुधवार को दिल्ली के मैक्स अस्पताल में निधन हो गया। उनके निधन से शहर के तमाम क्षेत्रों में शोक की लहर है। गुरुवार को सूरजकुंड पर 11 बजे उनका अंतिम संस्कार होगा। रात में उनके पार्थिव शरीर को देखने के लिए काफी संख्या में लोग पहुंचे थे।

पूरी तरह से सक्रिय रहे

अपने अंतिम समय तक सेठ दयानंद गुप्ता राजनैतिक, सामाजिक, शिक्षा, खेल जगत जगत के कार्यक्रमों में पूरी तरह से सक्रिय रहे। समाज के हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सेठ दयानंद वर्तमान में मेरठ कॉलेज, डीएन कॉलेज, इस्माईल कॉलेज, डीएन पालीटेक्निक कॉलेज, इस्माईल नेशनल गल्र्स इंटर कालेज के अवैतनिक मंत्री थे। कॉलेजों में शैक्षणिक सुधार के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। सार्वजनिक जीवन में सेठ दयानंद पुरुषोत्तम दास टंडन हंिदूी संस्थान, सनातन धर्म, नंदराम राजाराम, आदर्श कन्या इंटर कॉलेज मोदीनगर आदि संस्थाओं के अध्यक्ष रहे। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की शिक्षा ग्रहण करने वाले सेठ दयानंद अपने रेलवे रोड स्थित आवास पर हर साल एएमयू पुरातन छात्र सम्मेलन भी कराते रहे।

व्यवसाय को भी आगे बढ़ाया

व्यवसायिक रूप से भी सेठ सफल रहे। नवभारत डुपलैक्स लिमिटेड हापुड़, नवभारत टिशूज, चामुंडा पेपर मिल्स, गणोश कोल्ड स्टोरेज, गणोश ब्रिक, दयानंद नर्सिग होम, मुलायम सिंह यादव मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन रहे।

दो बार एमएलए का चुनाव भी लड़े

सेठ दयानंद राजनीतिक रूप से सक्रिय रहे। उनके आवास पर कभी हर पार्टी के लोग जाकर मार्गदर्शन लेते थे। कांग्रेस से उन्होंने वर्ष 1991 और 1993 में मेरठ कैंट से एमएलए का चुनाव भी लड़ा था। लेकिन सफलता नहीं मिली। इससे पहले वर्ष 1990 में नगर निगम बनने के बाद मेयर का चुनाव भी लड़ा था।

भरा पूरा परिवार छोड़ गए

सेठ दयानंद गुप्ता अपने पीछे दो पुत्र, चार पुत्री और अपनी पत्‍नी डा. राजबाला गुप्ता को छोड़ गए हैं। सेठ के बड़े बेटे संजय अग्रवाल आस्ट्रेलिया में हैं। छोटे बेटे अजय अग्रवाल मेरठ में अपना कारोबार है। सेठ दयानंद अपने चार भाईयों में सबसे बड़े थे। उनके बाद भाइयों में कैलाश, ओपी अग्रवाल और फिर सुभाषचंद्र हैं।

सीने में संक्रमण की शिकायत

परिवार के सदस्यों के अनुसार ठंड की वजह से सीने में संक्रमण था। इसकी वजह से शनिवार को उन्हें दिल्ली मैक्स में भर्ती कराया गया था। बुधवार साढ़े तीन बजे तक वह बिलकुल ठीक थे। अचानक पांच बजे उनके निधन की सूचना आई।

अंतिम दर्शन के लिए रात में पहुंचे लोग

रात 10 बजे रेलवे रोड स्थित आवास पर दिल्ली से उनका पार्थिव शरीर लाया गया। अंतिम दर्शन के लिए शिक्षा, राजनीति, समाजसेवा, खेल आदि विभिन्न क्षेत्रों के लोगों का जमावड़ा रहा। सांसद राजेंद्र अग्रवाल भी रात में पहुंचे। देर रात तक उनके आवास पर लोगों का तांता लगा रहा। सभी उनके साथ बिताए पलों को एक-दूसरे से साझा कर भावुक हो गए।

इनका कहना है 

महाविद्यालयों में अनुशासन और प्रशासनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए उन्हें जाना जाएगा। एक बड़े संगठन को खड़ा करने में उनका बहुत योगदान है।

- प्रो. एनके तनेजा, कुलपति चौ. चरण सिंह विवि

राजनीति, शिक्षा, समाज के हर क्षेत्र में उनका योगदान है। जिसे भुलाया नहीं जा सकता है। उनका इस तरह से जाना पूरे शहर की क्षति है।

- राजेंद्र अग्रवाल, सांसद

1970 से मैं उनसे जुड़ा हूं। समझ में नहीं आ रहा है, ये क्या होगा। यह ऐसी क्षति है जिसकी कभी भरपाई नहीं की जा सकती है।

- रामकुमार गुप्ता, अध्यक्ष, मेरठ कालिजिएट एसोसिएशन व वेस्टर्न यूपी आफ चेंबर बांबे बाजार

पिता तुल्य थे, उनकी जैसी कर्मठता, इच्छाशक्ति शायद ही किसी व्यक्ति में मिले। शिक्षा जगत के लिए उन्होंने बहुत कुछ किया है। इसे कभी भूला नहीं जा सकता है।

- विवेक गर्ग, तान्या मोटर्स

ऐसी क्षति है, जिसे मेरठ हमेशा याद करेगा। वे क्या थे, शब्द नहीं है। उनके जाने से एक युग की समाप्ति हुई है।

- डा. युद्धवीर सिंह, सचिव, यूपीसीए

एक अभिभावक का साया उठ गया। उनके मार्गदर्शन में न केवल डीएन कॉलेज आगे बढ़ा, मेरठ की शिक्षा आगे बढ़ी। जिसे शहर नहीं भूल सकता है।

- डा. बीएस यादव, प्राचार्य, डीएन डिग्री कॉलेज

कालेजों के कार्यक्रम स्थगित

उनके निधन की सूचना के बाद मेरठ कॉलेज, इस्माईल कॉलेज ने गुरुवार को होने वाले कार्यक्रम को स्थगित कर दिया। डीएन कॉलेज ने गुरुवार को शोकसभा करने के बाद छुट्टी करने का निर्णय लिया है। केवल परीक्षाएं होंगी।

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