संसाधनों के क्षीण होने का प्रमुख कारण है बढ़ती जनसंख्या

मेरठ जेएनएन। विश्व खाद्य पुरस्कार-2020 के विजेता व पद्मश्री डा. रतन लाल ने देश की बढ़ती जनसंख्या व

By JagranEdited By: Publish:Fri, 01 Oct 2021 09:50 PM (IST) Updated:Fri, 01 Oct 2021 09:50 PM (IST)
संसाधनों के क्षीण होने का प्रमुख कारण है बढ़ती जनसंख्या
संसाधनों के क्षीण होने का प्रमुख कारण है बढ़ती जनसंख्या

मेरठ, जेएनएन। विश्व खाद्य पुरस्कार-2020 के विजेता व पद्मश्री डा. रतन लाल ने देश की बढ़ती जनसंख्या व तकनीक कुप्रबंधन को प्राकृतिक संसाधनों के क्षीण होने का प्रमुख कारण बताया। जलवायु परिवेश में देश के कृषि उत्पादन को बढ़ाने हेतु प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आज समय की जरूरत है कि बढ़ती जनसंख्या व तकनीक कुप्रबंधन को प्राकृतिक संसाधनों के क्षीण होने कारण के साथ-साथ निवारण पर फोकस किया जाए।

डा. लाल भारतीय कृषि प्रणाली अनुसंधान संस्थान में आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत 'जलवायु परिवर्तन और संसाधन संरक्षण के लिए वैकल्पिक फसल प्रणालियां' विषय पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबिनार को संबोधित कर रहे थे। यह वेबिनार 29 सितंबर से एक अक्टूबर तक चला। इसमें कृषि विज्ञानियों ने विभिन्न आयाम पर चर्चा की।

शुक्रवार को सम्मलेन का उद्घाटन डा. पीयूष पूनिया ने अतिथियों के स्वागत संबोधन से किया। डा. हिमांशु पाठक, डा. एसएन सुधाकर बाबू व डा. टीके श्रीवास्तव ने वैकल्पिक फसल प्रणालियों के साथ पारिस्थितिकि तंत्र सेवाओं को बढ़ाना, तिलहन आधारित फसल प्रणालियां और गन्ना आधारित फसल प्रणालियों पर विचार रखे। डा. एमएल जाट ने देश में पराली के जलाने से फैलने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए संरक्षण खेती के महत्व और देश में कृषि अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए सीमांत व छोटे किसानों की भूमिका पर जोर दिया। डा. एंथोनी व्हीटब्रेड ने कहा कि आने वाले समय में भारत की बढ़ती आबादी की खाद्यपूर्ति के लिए अर्धशुष्क क्षेत्र एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले हैं। डा. लक्ष्मण राम मीणा, डा. नटराजा सुभाष, डा. अमृत लाल मीणा आदि ने भी संबोधन किया।

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