28-29 अगस्त को नहीं चलेंगी स्कूल बसें

परिवहन नियमों में हुए संशोधन के खिलाफ स्कूलों ने 28 व 29 अगस्त को स्कूल बसों की हड़ताल रखने की घोषणा कर दी है। सोमवार शाम को मवाना रोड स्थित शांति निकेतन विद्यापीठ में हुई मेरठ स्कूल फेडरेशन की आम सभा में शामिल 52 स्कूल मालिकों ने संयुक्त रूप से यह निर्णय लिया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Aug 2019 05:00 AM (IST) Updated:Tue, 27 Aug 2019 06:35 AM (IST)
28-29 अगस्त को नहीं चलेंगी स्कूल बसें
28-29 अगस्त को नहीं चलेंगी स्कूल बसें

मेरठ, जेएनएन : परिवहन नियमों में हुए संशोधन के खिलाफ स्कूलों ने 28 व 29 अगस्त को स्कूल बसों की हड़ताल रखने की घोषणा कर दी है। सोमवार शाम को मवाना रोड स्थित शांति निकेतन विद्यापीठ में हुई मेरठ स्कूल फेडरेशन की आम सभा में शामिल 52 स्कूल मालिकों ने संयुक्त रूप से यह निर्णय लिया है। फेडरेशन का कहना है कि दोनों दिन जिले के सभी स्कूल खूले रहेंगे, लेकिन स्कूलों की बस सेवा पूरी तरह से ठप रहेगी।

स्कूलों का कहना है कि नए नियमों के पूर्ण पालन से स्कूल बसों का खर्च बढ़ेगा जिसका सीधा असर परिजनों पर पड़ेगा। ऐसे में स्कूलों की फीस से अधिक ट्रांसपोर्ट की फीस हो जाएगी जिसका भुगतान करने के लिए परिजन तैयार नहीं होंगे। हर स्तर पर हुई बातचीत का कोई नतीजा न निकलने के कारण ही स्कूलों ने बसों की दो दिनी हड़ताल करने का निर्णय लिया है।

कठिन है, पर निर्णय लेना पड़ा

स्कूल संचालकों में बस हड़ताल को लेकर दो मत हैं। अधिकतर लोग बच्चों और परिजनों को होने वाली परेशानी का हवाला देते हुए अंतिम समय तक बातचीत के जरिए ही कोई रास्ता निकालने पर जोर दे रहे हैं। पर कोई रास्ता न निकलने पर सभी संगठन व स्कूलों के साथ ही जाने को विवश होंगे। स्कूल संचालकों का कहना है कि जिस तरह परिवहन नियमों का असर हर स्कूल पर पड़ेगा उसी तरह हड़ताल का असर भी सभी पर पड़ेगा।

परिजनों व बच्चों को होगी परेशानी

शहर के एक स्कूल में औसतन 30 बसें संचालित हैं। इन बसों में केवल शहर में 60 हजार से अधिक बच्चे हर दिन स्कूल आते-जाते हैं। वेस्ट एंड रोड और मवाना रोड जैसी जगहों पर एक साथ कई स्कूल होने से यहां बच्चों और वाहनों की संख्या अधिक होती है। ऐसे में यदि स्कूल बस नहीं चलेंगी तो हर परिजन को परेशानी होगी।

चरमरा जाएगी ट्रैफिक व्यवस्था

शहर के तमाम बड़े स्कूलों में तीन से पांच हजार बच्चे पढ़ते हैं। स्कूल बसों के बंद होने से स्कूल खुलने और बंद होने के समय तकरीबन उतने ही वाहनों में परिजन भी बच्चों को लेने पहुंचेंगे। वर्तमान में ही स्कूलों की छुट्टी के समय ट्रैफिक को संभालना मुश्किल होता है। ऐसे में वाहनों की संख्या अगर बढ़ेगी तो स्कूलों के आस-पास छुट्टी के बाद लंबा जाम भी लगेगा।

और जिले भी जुड़ सकते हैं

स्कूल बसों की हड़ताल का निर्णय फिलहाल मेरठ स्कूल फेडरेशन ने लिया है। यह चर्चा अब सीआइएस यानी कांफडेरेशन ऑफ इंडिपेंडेंट स्कूल्स में भी चल रही है। इस संगठन से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 20 से अधिक जिले जुड़े हैं। इनमें से 12 जिलों के स्कूलों में बस सेवा को बंद करने पर सहमति बन गई है। मंगलवार को सीआइएस की भी बैठक होगी। सभी जिले तैयार होने पर एक साथ मेरठ के अलावा अन्य जिलों में भी स्कूल बसों की हड़ताल हो सकती है।

इनका कहना है..

बदले परिवहन नियमों के अनुपालन के बाद बढ़े खर्च के साथ स्कूल बस सेवा देना मुश्किल हो गया है। इसलिए स्कूलों ने 28-29 अगस्त को बसों की हड़ताल करने का निर्णय लिया है।

-राहुल केसरवानी, सचिव, मेरठ स्कूल फेडरेशन

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