एक लाख मंत्रों की आहुति से संपन्न हुई जिन सहस्त्रनाम महा अर्चना

धर्म की व्याख्या कई प्रकार से की गई है। अपने क‌र्त्तव्यों का सहजता से पालन करना भी धर्म की श्रेणी में आता है। घर में अपने काम को ईमानदारी से करने वाला नौकर भी पुरस्कार अधिकारी है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Jan 2019 06:00 AM (IST) Updated:Tue, 22 Jan 2019 06:00 AM (IST)
एक लाख मंत्रों की आहुति से संपन्न हुई जिन सहस्त्रनाम महा अर्चना
एक लाख मंत्रों की आहुति से संपन्न हुई जिन सहस्त्रनाम महा अर्चना

मेरठ । वेस्टर्न कचहरी रोड स्थित त्यागी हॉस्टल में चल रही चार दिवसीय सहस्त्रनाम महा अर्चना संपन्न हो गई। हॉस्टल में वाटरप्रूफ पंडाल में स्थापित की गई धर्मनगरी में धर्मसभा को संबोधित करते हुए आचार्य वसुनंदी जी महाराज ने कहा कि संसार में प्रत्येक प्राणी इस बात को तो जानता है कि धर्म के मार्ग पर चलने से कल्याण होगा और पाप के मार्ग पर चलने से दुख मिलेगा।

कोई कहता है कि सच्ची श्रद्धा धर्म है तो कोई चरित्र को धर्म बताता है। कोई दया को धर्म बताता है तो किसी की नजर में वस्तु का स्वभाव ही धर्म है। धर्म के कई विकल्प मौजूद हैं। लेकिन कौन सा मार्ग सही है। धर्म की व्याख्या कई प्रकार से की गई है। अपने क‌र्त्तव्यों का सहजता से पालन करना भी धर्म की श्रेणी में आता है। घर में अपने काम को ईमानदारी से करने वाला नौकर भी पुरस्कार अधिकारी है। वहीं, घर का मालिक भी क‌र्त्तव्यहीनता के कारण तिरस्कार का अधिकारी हो सकता है। धर्म वही है, जो दुखों से मुक्त करे। धर्म की चर्चा ही नहीं, चर्या भी करनी है।

महा अर्चना होने के बाद विश्व शांति महायज्ञ का सफल आयोजन किया गया। इसमें इंद्र-इंद्राणियों ने एक लाख मंत्रों की आहुतियां दीं। धार्मिक क्रियाएं मनोज शास्त्री और अजित शास्त्री ने कराईं। कैंट विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल ने महाराज श्री को श्रीफल भेंट किया। मुनि संघ प्रवक्ता सुनील जैन ने बताया कि मंगलवार की आहार चर्या भूड़बराल में संपन्न होगी। इस दौरान सुशील जैन, अंकित जैन, कमल जैन, नवीन जैन, हेमचंद्र जैन, राजेंद्र जैन, कपिल जैन, हुकुम चंद जैन, नवीन जैन ने धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लिया। इसके अलावा सुभाष जैन, अरुण जैन, पंकज जैन, राकेश जैन, अंकित जैन, राकेश जैन, अमन जैन का सहयोग रहा।

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