मेरठ में सरदार वीएम सिंह : आंदोलन चलाने वाले चंदे की रकम से किसानों के आश्रित परिवारों की मदद करें
मेरठ में उप्र किसान मजदूर मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार वीएम सिंह ने भाकियू नेता राकेश टिकैत की भूमिका पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि विपक्ष के नेता होते नहीं हैं तैयार किए जाते हैं। जिस तरह से किसान आंदोलन तैयार किया गया।
मेरठ, जागरण संवाददाता। Sardar VM Singh उप्र किसान मजदूर मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार वीएम सिंह ने कहा कि गाजीपुर में कृषि आंदोलन चलाने वालों को यदि किसान परिवारों की इतनी चिंता है तो वह सबसे पहला काम करें कि जो उन्हें चंदा मिला, उससे मृत किसानों के आश्रित परिवारों को दान कर दें। जब तक गाजीपुर बार्डर पर रहा, तब तक एक पैसे का चंदा एकत्र नहीं होता था। मेरे वहां से हटते ही चंदा एकत्र करने का काम शुरू हो गया। सरदार वीएम सिंह यहीं नहीं रूके, उन्होंने राकेश टिकैत की भूमिका पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि विपक्ष के नेता होते नहीं हैं, तैयार किए जाते हैं। जिस तरह से किसान आंदोलन तैयार किया गया। मोदी और योगी कतई नहीं चाहते कि यह आंदोलन खत्म हो जाए। सरदार वीएम सिंह मेरठ में बाउंड्री रोड स्थित गुरुकुल रिजोर्ट में किसानों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने लखनऊ में 15 जुलाई को गन्ना आयुक्त कार्यालय के बाहर धरना देने के लिए किसानों से समर्थन मांगा है।
हमने किसानों के लिए सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ी
बुधवार को मेरठ पहुंचे सरदार वीएम सिंह ने गणतंत्र दिवस पर लालकिले की घटना को लेकर भी अपना रूख साफ किया। उन्होंने कहा कि हमने किसानों के लिए हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लडी। लालकिले पर राष्ट्रीय ध्वज का अपमान हुआ तो सहन नहीं हो सका। इसलिए वहां से अपने आप को अलग किया। दो दिनों तक पूरे देश में काफी सम्मान मिला। लेकिन उसके बाद मुझे भगौड़ा, मौका परस्त जैसे शब्द कहे जाने लगे। मेरे लिए तिरंगे का सम्मान मरने के बराबर है। इसलिए कोई समझौता नहीं कर सकता। तीन कृषि कानूनों को काले कानून कहने वाले असल में जानते ही नहीं है कि कानूनों का विरोध कैसे करना है।
किसानों को मिले फसलों का उचित दाम
उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। किसान को सभी फसलों का उचित दाम मिले, यही हमारा उद्देश्य होना चाहिए। अब चाहे खरीदने वाला अंबानी, अदानी या कोई भी पूंजीपति हो। सरदार वीएम सिंह ने कहा कि योगी सरकार गन्ना भुगतान के पिछले आंकड़ें दिखाकर वाहवाही लूट रही है। यह तो हाईकोर्ट के आदेश का पालन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज के समय में किसानों के बच्चे खेती नहीं करना चाहते। उधर नौकरी को नोटबंदी, जीएसटी व कोरोना ने खत्म कर दिया। पिछले बार विधानसभा चुनाव में अखिलेश सरकार के खिलाफ लोहा गरम था। इसलिए किसानों ने चोट मारकर भाजपा सरकार बना दी। इस बार फिर लोहा गरम है, चोट मारकर जवाब देंगे।