कल्पना और रोमांच से भरा है पिशाच
साहित्यकार संजीव पालीवाल ने अपने नए उपन्यास का मेरठ में विमोचन किया। नैना के बाद यह संजीव का दूसरा उपन्यास है।
मेरठ,जेएनएन। अपराध कथा लेखन की परंपरा को संजीव पालीवाल अपने ही अंदाज में आगे बढ़ा रहे हैं। नैना के लेखक इस बार पिशाच लेकर आए हैं। शनिवार को निंबस बुक स्टोर पर संजीव ने अपने नए उपन्यास पिशाच का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि किसी लेखक की असली पहचान उसके पहले उपन्यास से नहीं, बल्कि दूसरे उपन्यास से होती है। पुरानी कहावत रही है कि एक उपन्यास भर की कहानी हर इंसान के पास होती है।
संजीव के पहले उपन्यास नैना की कहानी टेलीविजन समाचार की उनकी जानी-पहचानी दुनिया की थी, तो पिशाच की कहानी हमारे-आपके जीवन की है। महानगरीय मध्यवर्गीय जीवन के भय की है और सब कुछ इतना समकालीन है कि उपन्यास को पढ़ते हुए उसको घटित होता हुआ महसूस किया जा सकता है। संजीव का कहना है कि हिदी पाठकों की कोई कमी नहीं है, बल्कि हिदी साहित्य लिखने वाले न्याय नहीं कर पाए। यही वजह है कि हिदी साहित्य की कमी युवा पीढ़ी को अखर रही है। हालांकि अंग्रेजी पुस्तकों के हिदी अनुवाद ने हिदी साहित्य में कुछ जान जरूर फूंकी है, और युवा पीढ़ी इन पुस्तकों को काफी पसंद भी कर रही है।
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पिशाच एक क्राइम थ्रिलर है, जो युवाओं को काफी पसंद आ रही है। इसकी भाषा और लेखन शैली भी रोचक है। यह अंत तक पाठक को बांधे रखती है।
-रामकुमार शर्मा, निंबस बुक स्टोर, छीपी टैंक रोड पिशाच की अच्छी मांग है, लोग इसे पसंद कर रहे हैं। कल्पना के साथ रोमांच पाठकों को हमेशा पसंद आता है। पिशाच में रोमांच है जो शुरू से लेकर अंत तक रोचकता बनाए रखता है।
-तुषार नागिया, बुक कार्नर आबूलेन