सहारनपुर में मारपीट के विवाद ने बदला सियासी रंग, प्रदेश से सपा जांच दल पहुंचा गांव; जानें पूरा मामला
रसूलपुर गांव में पानी की निकासी को लेकर दो पक्षों के बीच हुए विवाद ने सियासी रंग ले लिया है। मंगलवार को सपा का पांच सदस्यीय दल जांच के लिए गांव पहुंचा। कश्यप परिवार ने कहा कि वे गांव छोड़कर चले जाएंगे।
सहारनपुर, जेएनएन। रसूलपुर गांव में पानी की निकासी को लेकर दो पक्षों के बीच हुए विवाद ने सियासी रंग ले लिया है। मंगलवार को सपा का पांच सदस्यीय दल जांच के लिए गांव पहुंचा। कश्यप परिवार ने कहा कि वे गांव छोड़कर चले जाएंगे। इसपर सपा नेताओं ने कश्यप परिवारों से बात कर उन्हें पलायन न करने के लिए कहा। सपा नेताओं ने सभी परिवारों को उचित कार्रवाई कराने का आश्वासन दिया।
मंगलवार को सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के निर्देश पर जिलाध्यक्ष चौ. रुद्रसेन के नेतृत्व में गठित पांच सदस्यीय कमेटी में शामिल पूर्व विधायक माविया अली, पूर्व प्रदेश सचिव मांगेराम कश्यप, स्नातक प्रत्याशी शमशाद मलिक, अली खान मंगलवार को डाक बंगले पहुंचे, जहां से वह कार्यकर्ताओं के साथ रसूलपुर टांक गांव गए। यहां उन्होंने कश्यप समाज के गोपाल के घर जाकर मारपीट में घायल उसके भाई बिजेंद्र से मुलाकात की। इस दौरान गोपाल की पत्नी रश्मि ने सपा नेताओं को बताया कि पूरा गांव उनके खिलाफ है।
कार्रवाई का आश्वासन
रश्मि ने बताया कि बच्चों से मारपीट की गई। घर में घुसकर महिलाओं के साथ अभद्रता कर उनके कपड़े फाड़े। बताया कि धमकी दी है कि पुलिस के हटने के बाद सबक सिखाया जाएगा। इसलिए वह गांव से पलायन करेंगे। जिस पर जिलाध्यक्ष चौ. रुद्रसैन, मांगेराम कश्यप और माविया अली ने पीड़ित परिवार को दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिलाया। कहा कि पूरा समाजवादी परिवार उनके साथ खड़ा हुआ है। उन्हें गांव छोड़कर जाने की जरूरत नहीं है।
अन्याय नहीं होने देंगे
जांच दल ने यह भी कहा कि जिन लोगों को पुलिस ने जेल भेजा है उनकी जमानत और मामले की पैरवी के लिए सपा अपने वकील भी खड़ा करेगी। किसी भी कीमत पर अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। सपा के प्रतिनिधिमंडल के रसूलपुर जाने को लेकर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी पूरी तरह अलर्ट रहे। उधर, पूर्व विधायक शशिबाला पुंडीर ने अपनी नाराजगी जाहिर कर कहा कि ठाकुरों को लावारिस न समझा जाए। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को क्या ठाकुरों की जरूरत नहीं है।