Shooter Saurabh Chaudhary: साई ने जारी किया शूटर सौरभ चौधरी पर वीडियो, टाप्स ओलंपिक पोडियम स्कीम में किया शामिल

करीब चार मिनट के वीडियो में मेरठ के कलीना गांव निवासी सौरभ के खेल जीवन की शुरुआत और ओलंपिक तक के सफर को दिखाया गया है। 12 मई 2002 को जन्मे सौरभ ने किस तरह गांव में ही घर के निकट शूटिंग रेंज में निशाना साधने की शुरुआत की।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Fri, 11 Jun 2021 10:30 AM (IST) Updated:Fri, 11 Jun 2021 10:30 AM (IST)
Shooter Saurabh Chaudhary: साई ने जारी किया शूटर सौरभ चौधरी पर वीडियो, टाप्स ओलंपिक पोडियम स्कीम में किया शामिल
ओलंपिक की आशा कार्यक्रम के तहत जारी हो रहे वीडियो में सौरभ चौधरी भी शामिल हैं।

मेरठ, जेएनएन। साई (Sports Authority of India) ने अपने 'ओलंपिक की आशा' कार्यक्रम के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय शूटर सौरभ चौधरी पर भी वीडियो जारी किया है। ओलंपिक कोटा हासिल करने वाले खिलाडिय़ों को साई ने टाप्स (टाप्स ओलंपिक पोडियम स्कीम) में शामिल किया है। इन खिलाडिय़ों के खेल अनुभव पर आधारित वीडियो जारी किए जा रहे हैं ताकि नए खिलाडिय़ों को इससे प्रोत्साहन मिल सके।

ओलंपिक तक सफर

करीब चार मिनट के वीडियो में मेरठ के कलीना गांव निवासी सौरभ के खेल जीवन की शुरुआत और ओलंपिक तक के सफर को दिखाया गया है। 12 मई 2002 को जन्मे सौरभ ने किस तरह गांव में ही घर के निकट शूटिंग रेंज में निशाना साधने की शुरुआत की और आज पूरे देश को उनसे टोक्यो ओलंपिक में पदक की उम्मीद है। सौरभ का यह वीडियो इंटरनेट मीडिया पर साझा किया गया है।

परिवार ने बताया सौरभ का सफर

10 मीटर एयर पिस्टल शूटिंग में भारत के लिए गोल्डन पीरियड की शुरुआत करने वाले सौरभ चौधरी अपनी वीडियो में बतात हैं कि गांव के पास स्थित शूटिंग रेंज में आसपास के बच्चों को देख वहां जाकर देखने की इच्छा जगी और पहुंच गए। खेलने की शुरुआत की तो फिर आगे ही बढ़ते गए। माता ब्रजेश देवी बताती हैं कि शूटिंग के बारे में सौरभ बहुत जिद किया करते थे। उनके पिता समझाते की पढ़ाई खराब हो जाएगी, लेकिन सौरभ उन्हें भरोसा दिलाते कि वे पढ़ाई और शूटिंग दोनों ठीक से करेंगे। बड़े भाई नितिन के अनुसार वे पहली बार सौरभ को बागपत के बिनौली स्थित बीएसआर राइफल क्लब ले गए थे। पिता जगमोहन सिंह चौधरी के अनुसार करीब पौने दो लाख की पिस्टल उन्होंने कर्ज लेकर सौरभ को दिलाई। पिस्टल दिलाने के बाद सौरभ जहां भी गए मेडल लेकर लौटे।

बस थोड़ा सा और... ने दिलाई सफलता

बिनौली में सौरभ के कोच अमित शेवरान ने बताया कि नए निशानेबाजों को हाथ स्थिर रखने की ट्रेनिंग हाथ के अगले हिस्से में ईट बांधकर कराते हैं। जब सौरभ रेंज में पहुंचे तो उनकी रेंज टीन शेड के नीचे चल रही थी। गर्मी के दिनों मे जब तापमान 42-43 पहुंच जाता था तब भी सौरभ लक्ष्य साधने में जुटे रहते। जब भी सौरभ को बोलते कि जाकर थोड़ा आराम कर ले, लेकिन सौरभ बोलता थोड़ा सा और कर लूं गुरुजी, उसके बाद चला जाउंगा। अमित शेवरान के अनुसार सौरभ का वह थोड़ा सा और ही उन्हें आज वहां ले गया, जहां वह देश की आशा बन गए हैं।

प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं होते सौरभ

नेशनल कैंप में सौरभ के कोच समरेश जंग के अनुसार सौरभ कभी भी अभ्यास में अच्छे से अच्छे स्कोर से भी संतुष्ट नहीं होते हैं। वे वापस आते हैं और कोच से अपनी हर छोटी समस्या पर बात कर उसे बेहतर करने की कोशिश करते हैं। वर्तमान में सौरभ क्रोएशिया में अभ्यास कर रहे हैं।

यूं चला अंतरराष्ट्रीय सफर

- आइएसएसएफ जूनियर वल्र्ड गबाला, 2016 में अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत, जीता मेंस टीम रजत।

- उसी साल तेहरान में आयोजित एशियन चैंपियनशिप में रजत पदक जीता।

- साल 2018 में जकार्ता में हुए एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने वाले सबसे युवा शूटर बने।

- साल 2018 में ही एशियन एयरगन चैंपियनशिप में 10 मीटर एयर पिस्टल, टीम इवेंट और मिक्सड टीम इवेंट में तीन स्वर्ण पदक जीता।

- साल 2018 में ही बमनोस एयर्स में हुए यूथ ओलंपिक गेम्स में भी स्वर्ण पदक जीता।

- वर्ष 2019 में दो एकल वल्र्ड कप स्वर्ण पदक और चार मिक्सड स्वर्ण पदक जीत टोक्यो ओलंपिक की दावेदारी पक्की की।

chat bot
आपका साथी