कश्‍मीर में बेटे के हत्‍यारे आतंकी की मौत की खबर मिलते ही पीडि़त परिवार के जख्‍मों पर लगा मरहम, कहा-शुक्रिया मोदी जी

सहारनपुर के लकड़ी कारीगर सगीर को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों ने मार दिया था। उनकी आंखों में गुस्सा था और सीने में प्रतिशोध की ज्‍वाला। बेटे ने कहा सेना को बहुत धन्यवाद दे दिया मुंहतोड़ जवाब।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 09:36 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 10:35 PM (IST)
कश्‍मीर में बेटे के हत्‍यारे आतंकी की मौत की खबर मिलते ही पीडि़त परिवार के जख्‍मों पर लगा मरहम, कहा-शुक्रिया मोदी जी
सगीर के बेटे जहांगीर ने कहा पिता के हत्यारे आतंकी आदिल के मारे जाने से उनके दिल को सुकून मिला।

सहारनपुर, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों की गोली का शिकार हुए लकड़ी कारीगर सगीर अहमद के परिवार वालों का दर्द शब्दों में बयान करना मुमकिन नहीं। लश्कर आतंकी की गोली तो सगीर को लगी, लेकिन इधर सगीर के स्वजन इस दुख में मानों रोज तिल-तिल मर रहे थे। उनकी आंखों में गुस्सा था और सीने में प्रतिशोध की ज्‍वाला। हालांकि, उन्हें उम्मीद थी कि मोदी सरकार उनके इस दुख को जरूर महसूस करेगी। जैसे ही उन्हें सेना द्वारा सगीर के हत्यारे आतंकी को मार गिराने की सूचना मिली, उनके जख्मों पर मानों मरहम सा लग गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताते हुए स्वजन कहते हैं कि सरकार ने हमारा भरोसा जीता है। सगीर को तो हमने खो दिया, लेकिन उसे मारने वाले आतंकी आदिल अहमद वानी को ढेर कर सेना ने पूरे आतंकी नेटवर्क को उसी की भाषा में सख्त संदेश दे दिया है।

सहारनपुर के कुतुबशेर थाना क्षेत्र अंतर्गत मोहल्ला सराय हिसामुद्दीन निवासी सगीर अहमद पुलवामा में एजाज ट्रेडर्स कंपनी में लकड़ी कारीगर थे। 16 अक्टूबर को पुलवामा में आतंकियों ने दो गोली मारकर सगीर की हत्या कर दी थी। सगीर के बेटे जहांगीर ने बताया कि उनके पास बुधवार को जम्मू-कश्मीर से फोन आया। फोन करने वाले ने बताया कि उनके पिता के हत्यारे आतंकी आदिल अहमद वानी को सेना ने आपरेशन में मार गिराया है।

जड़ से हो आतंकियों का खात्मा

सगीर के बेटे जहांगीर ने कहा कि पिता के हत्यारे आतंकी आदिल के मारे जाने से उनके दिल को सुकून मिला है। इसके लिए सेना का बार-बार धन्यवाद। उनकी बहनें नजराना, आयशा, सोबी भी खुश हैं। परिवार वालों की दिली इच्छा है कि जम्मू-कश्मीर से आतंकियों का जड़ से खात्मा होना चाहिए।

चाहकर भी नहीं लौट पाए सगीर

जहांगीर के रिश्ते के भाई फैसल ने बताया कि वह भी अपने चाचा सगीर के साथ जम्मू-कश्मीर में नौकरी करने गए थे। मौत से पहले सगीर ने उन्हें बताया था कि वह घर जाना चाहते हैं, लेकिन कंपनी का मालिक पैसे नहीं दे रहा है। कुछ दिन में पैसे मिलते ही वह घर आएंगे। हालांकि उसके पहले ही उनकी हत्या हो गई।

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