मेरठ में काली नदी के दिन बहुरेंगे, 600 करोड़ मंजूर

मेरठ में प्रदूषण का दंश झेल रही काली नदी के दिन बहुत जल्‍द बहुरने वाले हैं। केंद्र सरकार ने इस नदी के पुनरुद्धार के लिए 600 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Sat, 16 Feb 2019 12:55 PM (IST) Updated:Sat, 16 Feb 2019 12:55 PM (IST)
मेरठ में काली नदी के दिन बहुरेंगे, 600 करोड़ मंजूर
मेरठ में काली नदी के दिन बहुरेंगे, 600 करोड़ मंजूर
मेरठ, जेएनएन। प्रदूषण की वजह से दम तोड़ती काली नदी को अब संजीवनी मिलने जा रही है। केंद्र सरकार ने इसके पुनरुद्धार के लिए 600 करोड़ रुपये जारी किए हैं। पुनरुद्धार कार्य का शुभारंभ 20 फरवरी को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी करेंगे। नमामि गंगे परियोजना के तहत जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा पुनरुद्धार मंत्रलय की देखरेख में काली नदी के लिए डीपीआर तैयार की गई है। इसमें नदी के पुनरुद्धार के लिए 600 करोड़ रुपये लागत राशि बताई गई है। इस धनराशि को केंद्र सरकार ने स्वीकृति भी दे दी है।
नितिन गडकरी को लिखा था पत्र
सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने काली नदी के लिए नितिन गडकरी को पत्र लिखा था। अब यह मांग स्वीकार हो गई है। 20 फरवरी को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी मेरठ में कई राष्ट्रीय राजमागरें का शिलान्यास करने आ रहे हैं। इसी दौरान वह काली नदी में पुनरुद्धार कार्य का भी शुभारंभ करेंगे। उन्होंने बताया कि डीपीआर में क्या है, यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। नदी में प्रदूषित पानी न जाए, इसलिए ट्रीटमेंट प्लांट आदि पर भी कार्य हो सकता है।
ये कार्य पहले से प्रस्तावित
नदी संरक्षण के लिए काम कर रहे रमन त्यागी ने बताया, कुछ कार्य पहले ही स्वीकृत हो चुके हैं। इसके तहत अंतवाड़ा में 160 हेक्टेयर में झील बनाई जाएगी। उद्गम स्थल पर खतौली कैनाल का पानी छोड़ने की योजना बन चुकी है। नियमित सफाई के लिए मनरेगा में शामिल कराने की भी प्रक्रिया चल रही है।
500 किमी लंबी है काली नदी
काली नदी का उद्गम मुजफ्फरनगर में खतौली के अंतवाड़ा गांव से हुआ है। यह नदी करीब पांच सौ किलोमीटर लंबी है। यह नदी मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, एटा, फरुखाबाद, कासगंज होते हुए कन्नौज में गंगा में मिल जाती है। मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर व अलीगढ़ में नदी ज्यादा प्रदूषित है। 
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