बागपत में शिव मंदिर गिराने पर बखेड़ा, खूब हुआ हंगामा Baghpat News
कोतवाली प्रभारी में इस संबंध में एसडीएम को रिपोर्ट सौंप दी है। वहीं मामले को पुलिस ने समझाकर शांत करा दिया है। साथ ही लोगों को हिदायत दी गई है कि वे हंगामा न करें।
बागपत, जेएनएन। दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे पर कलक्ट्रेट के निकट भगवान शिव का मंदिर गिराने पर रविवार को बखेड़ा हुआ। लोगों की संख्या एकाएक जुटने लगी और निवाड़ा के ग्रामीणों ने हंगामा करना शूरू कर दिया। इस बीच पुलिस को सूचना मिलते ही पुलिस वहां पहुंची और जमा हो रही भीड का भगाया। ग्रामीणों का कहना है कि मंदिर की जमीन पर कब्जा के लिए मंदिर को गिराया है। फिलहाल पुलिस ने मामले को शांत कराते हुए दोनों पक्षों को समझाया है। साथ ही एसडीएम को इस संबंध में रिपोर्ट भी सौंपी गई है।
श्रद्धालुओं को जब मंदिर में आने से मना किया
ग्राम लुहारी निवासी रिटायर्ड फौजी कालूराम ने पुलिस को बताया कि उसने वर्ष 2013 में 159.44 वर्ग गज जमीन बुलंदशहर के व्यक्ति से खरीदी थी। उसके द्वारा जमीन के कुछ हिस्से में वर्ष 2012 में शिव मंदिर का निर्माण कराया था। भगवान की मूर्ति खंडि़त होने व मंदिर क्षतिग्रस्त होने की वजह से मंदिर को गिराया गया। वहीं निवाड़ा की ग्राम प्रधान जुलेखां बेगम के पति सरवर राणा, पूर्व प्रधान रिफाकत, सतपाल, धर्मपाल, मदन, धर्मसिंह आदि का कहना है कि सरकारी भवनों के निर्माण में भूमि अधिग्रहण न हो जाए, इसलिए कालूराम ने मंदिर के लिए भूमि दान की थी। सर्वसमाज के लोगों ने मंदिर का निर्माण कराया था,लेकिन बाद में कालूराम ने मंदिर की जमीन को कब्जाने की नियत से उसके आसपास निर्माण कर दिया था। श्रद्धालुओं को मंदिर में आने-जाने से मना करने लगा था। अब जानबूझकर मंदिर को गिरा दिया। कोतवाली प्रभारी अरविंद कुमार का कहना है कि इस समस्या के निस्तारण के लिए एसडीएम को रिपोर्ट सौंपी गई है।
पुलिस ने दोनों पक्ष के लोगों को समझाया
इस मामले में कोतवाली में आयोजित मीटिंग में कोतवाली प्रभारी अरविंद कुमार ने दोनों पक्ष के लोगों को समझाया और हिदायत दी कि कोई भी इसको लेकर विवाद न करें।