RTI Report: मेरठ में सरकारी विभागों ने नहीं दिया 45 करोड़ गृहकर, सबसे ज्‍यादा PVVNL का पैसा

एक आरटीआई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि मेरठ में 45 करोड़ का बकाया केवल सरकारी विभाग के हाउस टैक्‍स का है। इसमें लगभग 40 सरकारी विभागों ने रुपये दबा रखा है। हैरानी की बात ये है कि रुपये वसूलने के लिए नगर निगम ने भी खास दिलचस्‍पी नहीं दिखाई।

By Himanshu DwivediEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 11:16 AM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 11:16 AM (IST)
RTI Report: मेरठ में सरकारी विभागों ने नहीं दिया 45 करोड़ गृहकर, सबसे ज्‍यादा PVVNL का पैसा
आरटीआई रिपोर्ट से बकाया धनराशि का हुआ खुलासा।

[दिलीप पटेल] मेरठ। शहर के विकास के लिए जिम्मेदार नगर निगम सरकारी विभागों से गृहकर, जलकर व सीवरकर नहीं वसूल पाया है। लगभग 40 सरकारी विभागों ने लगभग 45 करोड़ रुपये दबा रखा है। यह हकीकत आरटीआइ से सामने आई है। हैरानी की बात ये है कि सरकारी विभागों से इतनी बड़ी धनराशि वसूलने के नगर निगम ने अभी तक कोई कारगर प्रयास नहीं किये हैं।

मिशन कंपाउंड निवासी आरटीआइ कार्यकर्ता मनोज चौधरी ने सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत यह जानकारी निगम के जन सूचना अधिकारी से प्राप्त की है। जिसमें बताया गया है कि कुल 40 सरकारी विभाग हैं। जिन पर 44,62,11, 822 रुपये गृहकर, जलकर व सीवर कर बकाया है। इसमें अकेले पीवीवीएनएल अंतर्गत मुख्य अभियंता विद्युत वितरण खंड विक्टोरिया पार्क के नाम पर करीब 24 करोड़ रुपये बकाया है। वित्तीय वर्ष 2020-21 का आखिरी माह चल रहा है। नगर निगम की आय का मुख्य साधन यही है। लेकिन इसकी वसूली में भी बेपरवाही बरती जा रही है।

ये हैं टापटेन सरकारी बकायेदार

मुख्य अभियंता विद्युत वितरण खंड विक्टोरिया पार्क- 24,00,83,811 रुपये

उप्र राज्य वस्त्र गगोल रोड - 10,78,98,972 रुपये

पुलिस उप महानिरीक्षक, पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय - 2,90,64,561 रुपये

महाप्रबंधक दूर संचार बीएसएनएल - 84,46,717 रुपये

कार्यालय उप कृषि निदेशक शोध केंद्र - 59,34,196 रुपये

अधिशासी अभियंता आवास विकास निर्माण खंड-आठ- 56,50,516 रुपये

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी - 53,13,379 रुपये

संयुक्त निदेशक कृषि प्रसार मेरठ मंडल- 46,05,772 रुपये

सरकारी आबकारी गोदाम पूर्वा अहिरान - 38,22,474 रुपये

अधिशासी अभियंता आवास विकास परिषद शास्त्रीनगर- 36,75,108 रुपये

-सरकारी विभागों को बकाया गृहकर, जलकर व सीवर कर जमा करने के लिए एक बार नोटिस दिया जा चुका है। शासन को भी लिखा जा चुका है। दोबारा फिर नोटिस भेजा जा रहा है।

इंद्र विजय, सहायक नगर आयुक्त द्वितीय। 

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