Rohingya In Meerut: ईरा गार्डन और लक्खीपुरा में लग्जरी गाडिय़ों से आते थे रोहिंग्या, कड़ियां जोड़ रही खुफिया एजेंसी
ईरा गार्डन के आसपास के लोगों का कहना है कि बड़ी संख्या में लग्जरी वाहनों में लोग यहां आते थे। एटीएस मान रही है कि नूर आलम और हाफिज को मलेशिया से गाइड किया जा रहा है। हाफिज के अन्य साथियों के नाम भी एटीएस को मिल चुके हैं।
मेरठ, जेएनएन। मेरठ के ब्रह्मपुरी थानाक्षेत्र का ईरा गार्डन और लिसाड़ी गेट का लक्खीपुरा रोहिंग्या का प्लानिंग सेंटर बना था। यहां उनकी साप्ताहिक बैठक में आगे की योजना बना करती थी। आसपास के लोगों का कहना है कि बड़ी संख्या में लग्जरी वाहनों में लोग यहां आते थे। एटीएस मान रही है कि नूर आलम और हाफिज को मलेशिया से गाइड किया जा रहा है। हाफिज के अन्य साथियों के नाम भी एटीएस को मिल चुके हैं। इनकी धरपकड़ के बाद पता चलेगा कि मलेशिया में रोहिंग्या का संबंध किससे है। पुलिस की खुफिया इकाई एलआइयू भी सुरागरसी में जुट गई है।
मानव तस्करी भी
नोएडा एटीएस की टीम ने दो सप्ताह के दरम्यान छह रोहिंग्या को गिरफ्तार किया है। हाल में पकड़े गए हाफिज शफीक, स्माइल, मुफीजुररहमान और अजीजुररहमान उर्फ अजीज तो मलेशिया में मानव तस्करी भी करते थे। हवाला के जरिए विदेश से पैसा मंगाया जाता था। अभी तक जांच में सामने आया है कि ईरा गार्डन में रोहिंग्या की बैठक हाफिज शफीक लेता था। लक्खीपुरा में नूर आलम के घर बैठक की जाती थी। यही पूरी प्लानिंग बनती थी।आरोपितों के साथियों की तलाश में जुटी एटीएस धरपकड़ के बाद भूमिगत हुए आरोपितों के अन्य साथियों को एटीएस तलाश रही है। एटीएस मेरठ में डेरा डालकर बैठक में शामिल होने वाले अन्य लोगों की जानकारी भी जुटा रही है। देखा जा रहा है कि यहां के कुछ लोगों को भी लालच देकर अपना काम करा रहे थे।
मलेशिया में बैठकर पूरी प्लानिंग दे रहा था कोई : सीओ
सीओ अतुल यादव ने बताया कि रोहिंग्या को मलेशिया में बैठकर कोई पूरी प्लानिंग दे रहा था, जिस आधार पर वे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में काम कर रहे थे। पुलिस और प्रशासन को बिना खबर हुए ही रोहिंग्या ने वोटर आइडी और पासपोर्ट तक बनवा लिया था। उसी पासपोर्ट पर अक्सर मलेशिया जाते थे।