बिजनौर में रोडवेज बस ने साइकिल सवार युवक को कुचला, मौत, गुस्साए स्वजन ने लगाया जाम
Accident In Bijnore बिजनौर में शनिवार को रोडवेज बस ने एक साइकिल सवार युवक को कुचल दिया। जिससे उसकी मौत हो गई। गुस्साए परिजनों ने मार्ग जाम कर दिया। पुलिस और प्रशासन मौके पर पहुंचे। बाद में विधायक भी मौके पर पहुंच गए थे।
बिजनौर, जागरण संवाददाता। Accident In Bijnore बिजनौर के चांदपुर में धनौरा मार्ग पर गांव रामपुर नजराना के निकट शनिवार को रोडवेज बस ने साइकिल सवार युवक को कुचल दिया। जिससे उसकी मौत हो गई। गुस्साए परिजनों ने मार्ग जाम कर दिया। पुलिस और प्रशासन मौके पर पहुंचे। यहां पर काफी देरतक हंगामा होता रहा।
एक घंटे तक लगा रहा जाम
गांव मिर्जापुर बैकना निवासी नौबहार सिंह पुत्र करन सिंह शनिवार सुबह साइकिल से रामपुर नजराना जा रहा था। जैसे ही वह गांव रामपुर के पास पहुंचा तभी वहाँ से गुजर रही रोडवेज बस ने उसे टक्कर मार दी। जिससे उसकी मौके पर मौत हो गई। सूचना पर पहुंचे परिजनों ने मार्ग जाम कर दिया। करीब एक घंटे से मौके पर जाम लगा है। एसडीएम, सीओ व कोतवाल ग्रामीणों को समझाने में जुटे। विधायक कमलेश सैनी भी मौके पहुंची। यहां पर विधायक ने गुस्साए स्वजन को समझाने की कोशिश की।
बसों की छत पर जोखिम भरा सफर
नजीबाबाद : क्षेत्र में सड़कें बदहाल हैं। आए दिन हादसे हो रहे हैं। अभी हाल ही में गांव पेदा के निकट हरियाणा की रोडवेज बस और प्राइवेट बस के बीच भीषण टक्कर हुई थी, जिसमें कई यात्री घायल हुए थे। इसके बावजूद न तो प्राइवेट बस चालक सचेत हुए हैं और न ही जीवन सुरक्षा को लेकर खुद यात्री चिंतित हैं। दरअसल, नजीबाबाद से बिजनौर के बीच चलने वाली प्राइवेट बसों की छत पर ग्रामीण अंचलों के विद्यार्थी, जो पढऩे के लिए दूरस्थ कस्बों और शहर में आते हैं, सवार हो जाते हैं। नेशनल हाईवे होने के कारण प्राइवेट बस की गति भी काफी तेज होने और हाईवे से भारी यातायात गुजरने के कारण बस की छत पर असुरक्षित तरीके से बैठे विद्यार्थियों को लेकर हर समय डर बना रहता है। छत पर बैठे स्कूली बच्चों की यह खतरों से भरी हैरतंगेज यात्रा अक्सर इन प्राइवेट बसों के पीछे चलने वाले लोग देकर हतप्रभ रह जाते हैं। शुक्रवार दोपहर भी प्राइवेट बस की छत पर दर्जनभर स्कूली बच्चे सवार दिखे। गनीमत रही कि कोई हादसा नहीं हुआ।
बोले नागरिक
आज के बच्चे देश का भविष्य हैं। ये किसी के घर का चिराग भी हैं। इन्हें सुरक्षित ले जाना बस स्टाफ की नैतिक जिम्मेदारी बनती है। इन बच्चों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जानी चाहिए।
- घनश्याम वशिष्ठ, सेवानिवृत्त शिक्षक
इस तरह की अनदेखी के लिए कार्रवाई का दायरा तय होना चाहिए। और भी तय होना चाहिए कि इस तरह से जोखिमभरा सफर करने पर मजबूर बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदार किसकी होगी।
- हितेश राजपूत, युवा अधिवक्ता
इनका कहना है
वास्तव में मामला गंभीर है। कल से ही स्थिति पर नजर रखते हुए सुधार कराया जाएगा। पुनरावृत्ति होने पर आवश्यक कार्रवाई भी की जाएगी।
- दिनेश गौड़, थाना प्रभारी नजीबाबाद