गंगा के उफान से सड़कें टूटीं जोखिम भरा हुआ सफर
गंगा का जलस्तर घटकर सामान्य हो चला लेकिन पूर्व की जलभराव की दुश्वारियां पीछा
जेएनएन, मेरठ। गंगा का जलस्तर घटकर सामान्य हो चला लेकिन पूर्व की जलभराव की दुश्वारियां पीछा नहीं छोड़ रहीं। खेतों में खड़ी धान की फसल तबाह हो चुकी और संपर्क मार्ग बह गए या गहरे-गहरे गड्ढे हो गए हैं। अब लोगों के आवागमन में भारी दिक्कत हो रही। अभी कई स्थानों पर सड़कों से पानी बह रहा जिसमें लोग जान जोखिम में डालकर सफर कर रहे हैं।
बिजनौर बैराज के अवर अभियंता पीयूष कुमार के अनुसार गंगा का जलस्तर शनिवार को घटकर 48 हजार क्यूसेक रह गया। जबकि हरिद्वार से भी जलस्तर 54 हजार क्यूसेक डिस्चार्ज चल रहा है। पिछले दिनों गंगा में बढ़े जलस्तर ने खादर क्षेत्र को बर्बादी के मुहाने पर लाकर खड़ा कर दिया है। उनकी धान की फसल तो नष्ट हो गई है, अब गेहूं की फसल भी पछेती हो गई है। खेतों में सिल्ट जमा हो गई। उन्हें समतल करने के लिए भी किसानों को काफी मशक्कत करनी पड़ेगी। शनिवार को गांवों के संपर्क मार्गों पर भी पानी बहता दिखाई दिया। ज्यादातर सड़के बुरी तरह क्षतिग्रस्त होकर गहरे गड्ढो में तबदील हो गई। जबकि खेतों में पानी अभी भी भरा हुआ है।
पानी उतरा तो पता चला हाईवे तबाह हो गया
गंगा पुल की एप्रोच रोड पहली ही बाढ़ का पानी तोड़ गया। हालांकि रोड को बने अभी छह माह भी नहीं हुए। भीकुंड गांव के समीप लगभग तीस मीटर सड़क बह गई। टूटी सड़क से पानी का प्रवाह इतना तेज है कि जलस्तर घटने के बाद भी लोगों का आना जाना मुश्किल हो रहा है। हालांकि जरूरतमंद लोग जान हथेली पर रखकर उसे पार कर रहे है। दोनों और रस्सा बांधा हुआ है। जिसके सहारे लोग इधर उधर आ जा रहे है।