चाइनीज मोबाइल कंपनी के फर्जीवाड़ा मामले में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को भेजी रिपोर्ट

जियो से एक आइएमइआइ नंबर पर चल रहे सभी मोबाइल नंबरों का रिकॉर्ड मांगा है। उधर साइबर सेल वीवो कंपनी को दिए गए नोटिस का इंतजार कर रही है।

By Prem BhattEdited By: Publish:Sat, 06 Jun 2020 11:31 PM (IST) Updated:Sun, 07 Jun 2020 07:48 AM (IST)
चाइनीज मोबाइल कंपनी के फर्जीवाड़ा मामले में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को भेजी रिपोर्ट
चाइनीज मोबाइल कंपनी के फर्जीवाड़ा मामले में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को भेजी रिपोर्ट

मेरठ, जेएनएन। Vivo कंपनी के मोबाइलों में फर्जीवाड़े की शिकायत केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को भी भेज दी गई है। अभी तक वीवो कंपनी ने पुलिस के नोटिस का जवाब नहीं दिया है। साथ ही पुलिस ने जियो कंपनी से एक आइएमइआइ पर संचालित हो रहे 13,557 मोबाइल नंबरों का रिकॉर्ड मांगा है, ताकि इन नंबरों की देश की सुरक्षा तथा आपराधिक गतिविधियों में प्रयोग की आशंका न रहे। ऐसे में उक्त सभी मालिकों के मोबाइल फोन जब्त भी हो सकते हैं। 

एसएसपी अजय साहनी ने बताया कि पुलिस सबसे पहले एक आइएमइआइ पर चल रहे 13,557 मोबाइलों की आइडी खंगाल रही है। जियो कंपनी से सभी नंबरों का डाटा मांगा है। फिलहाल यह पड़ताल की जाएगी कि उक्त मोबाइलों का प्रयोग कौन कर रहा है और इनका आइएमइआइ नंबर कैसे बदल गया। इसकी जांच एसटीएफ से कराने के लिए शासन को भी पत्र लिखा है, क्योंकि यह मामला देश की सुरक्षा में सेंध लगाने से जुड़ा है।

यह है मामला

एडीजी ऑफिस में तैनात दारोगा आशाराम ने नौ मार्च 2017 को वीवो कंपनी का मोबाइल फोन खरीदा था। मोबाइल खराब होने पर 24 सितंबर 2019 को ब्रह्मïपुरी के शारदा रोड स्थित वीवो सर्विस सेंटर पर मरम्मत के लिए दिया। स्क्रीन, डिस्प्ले, एफएम बोर्ड बदलने की बात कहकर उनसे 2650 रुपये वसूले गए। घर आकर उन्होंने देखा तो मोबाइल का आइएमइआइ नंबर बदला हुआ था। दारोगा की शिकायत पर एडीजी ने मेरठ साइबर सेल को जांच के आदेश दिए। साइबर सेल ने जियो कंपनी से आइएमइआइ रन कराई तो पता चला कि 13,557 मोबाइल एक ही आइएमइआइ पर चल रहे हैं। मेडिकल थाने में मुकदमा दर्ज कर साइबर सेल को जांच दी गई।

साक्ष्य जुटाकर दाखिल होगी चार्जशीट

एसपी सिटी अखिलेश नारायण सिंह ने बताया कि यह बेहद गंभीर मामला है। एक ही आइएमइआइ नंबर दूसरे मोबाइल फोन पर नहीं चल सकता। कंपनी के डिस्ट्रीब्यूटर और सर्विस सेंटर स्वामी को भी जांच में शामिल कर हर स्तर पर जांच कराई जा रही है। कंपनी से भी पूछा गया है कि एक ही आइएमईआइ नंबर दूसरे मोबाइल में कैसे पहुंचा। यह कोई टेक्निकल समस्या तो नहीं है। पूरे मामले की जांच के लिए पुलिस और साइबर टीम गठित की है। जांच रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की जाएगी। साइबर सेल की टीम साक्ष्य जुटा रही है।

ट्राई के नियमों का उल्लंघन

साइबर सेल ने पूरे मामले में वीवो इंडिया के नोडल अधिकारी को नोटिस देकर पूछा कि ट्राई के किस नियम के अनुसार एक आइएमइआइ एक से ज्यादा मोबाइल नंबर सक्रिय है। अभी तक कंपनी ने नोटिस का जवाब नहीं दिया गया। साइबर सेल ने माना है कि इस मामले में मोबाइल कंपनी की लापरवाही और ट्राई के नियमों का उल्लंघन हो रहा है। इतना बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद भी कंपनी खामोश है। गत वर्ष जबलपुर में भी कंपनी के एक आइएमईआइ पर एक लाख मोबाइल चलते मिले थे। तब भी कंपनी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई थी।

मोबाइल फोनों की पड़ताल

पुलिस और साइबर सेल की टीम संयुक्त रूप से काम कर रही है। सबसे पहले एक आइएमईआइ पर संचालित हो रहे मोबाइल फोनों की पड़ताल करनी है, ताकि कोई बड़ा अपराध न हो जाए। कंपनी के जवाब का भी इंतजार है।-अजय साहनी, एसएसपी  

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