एमडीए के आवंटियों और बिल्डरों पर राहत की बारिश

एमडीए की वर्चुअल बोर्ड बैठक शुक्रवार को कमिश्नर की अध्यक्षता में हुई। इसमें वर्ष 2021-22 के लिए प्रस्तावित बजट को पास किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Apr 2021 04:22 AM (IST) Updated:Sat, 17 Apr 2021 04:22 AM (IST)
एमडीए के आवंटियों और बिल्डरों पर राहत की बारिश
एमडीए के आवंटियों और बिल्डरों पर राहत की बारिश

मेरठ, जेएनएन। एमडीए की वर्चुअल बोर्ड बैठक शुक्रवार को कमिश्नर की अध्यक्षता में हुई। इसमें वर्ष 2021-22 के लिए प्रस्तावित बजट को पास किया गया। एमडीए की योजनाओं में आवंटियों के बकाये अनुरक्षण शुल्क का ब्याज माफ करने और बिल्डरों को किस्तों में विकास शुल्क जमा करने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई। इससे हजारों आवंटियों को फायदा पहुंचेगा। हालांकि विकास से संबंधित प्रस्ताव इस बार भी बोर्ड बैठक में नदारद रहे।

बोर्ड बैठक समाप्त होने के बाद एमडीए सचिव प्रवीणा अग्रवाल ने प्रेस को बैठक का विवरण दिया। उन्होंने बताया कि वर्चुअल बोर्ड बैठक में वर्ष 2021-22 के लिए प्रस्तावित आय-व्यय का प्रस्ताव रखा गया। अनुमानित आय 301.48 करोड़ और व्यय 308.54 करोड़ रुपये प्रस्तावित किया गया। इसे सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। इसके साथ ही गत वर्ष के आय-व्यय का ब्योरा भी रखा गया। गत वर्ष एमडीए ने 158 करोड़ की आय की। व्यय 85.28 करोड़ किया गया। आय की तुलना में गत वर्ष व्यय कम होने की वजह एमडीए अधिकारियों ने कोरोना महामारी के लाकडाउन को बताया। इससे निर्माण कार्य लंबे समय तक प्रभावित रहे। हालांकि कमिश्नर सुरेंद्र सिंह ने एमडीए अधिकारियों को हिदायत दी है कि इस बार प्राधिकरण के काम धरातल पर दिखाई देने चाहिए। इसके अलावा बोर्ड ने कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पास किये। कोविड 19 को देखते हुए संपत्तियों की किस्तों पर ब्याज दरों में एकरूपता बनाने का शासन ने परामर्श दिया है। इसे लेकर निर्णय किया गया है कि एक कमेटी गठित की जाएगी, जो सुनिश्चित करेगी कि इससे प्राधिकरण की आर्थिक सेहत पर क्या प्रभाव पड़ेगा। समिति की रिपोर्ट पर ब्याज दरों की एकरूपता पर विचार किया जाएगा। बोर्ड ने एक हेक्टेयर जमीन तक प्लाटिग करने वाले बिल्डरों को राहत दी है। बिल्डर किस्तों पर विकास शुल्क जमा कर सकेंगे। पहले एकमुश्त विकास शुल्क जमा करना होता था। इसके अलावा अयोध्या डेवलपमेंट प्लान की तरह मेरठ सिटी डेवलपमेंट प्लान तैयार करने के लिए सभी विभागों से पहले उनकी जरूरतों को जाना जाएगा। ध्वस्तीकरण अभियान के लिए दो मशीनें खरीदी जाएंगी। बैठक में जिलाधिकारी के. बालाजी, एमडीए वीसी मृदुल चौधरी, सचिव प्रवीणा अग्रवाल, नगर आयुक्त मनीष बंसल समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

हजारों आवंटियों को होगा यह फायदा : एमडीए द्वारा विकसित योजनाएं, जिनकी अवस्थापना सेवाएं नगर निगम को हस्तांतरित नहीं हुई हैं। उन कालोनियों के आवंटियों से अनुरक्षण शुल्क लिए जाने और पूर्व से बकाया अनुरक्षण शुल्क जमा कराए जाने का प्रस्ताव बोर्ड के समक्ष रखा गया। निर्णय किया गया कि वर्ष 2017-18 तक के आवंटियों से उनके बकाया अनुरक्षण शुल्क पर लगे ब्याज को माफ कर दिया जाएगा। आवंटियों से केवल अनुरक्षण शुल्क की मूल धनराशि ही ली जाएगी। इसके लिए आवंटियों को उस समय की रसीद और एक शपथ पत्र देना पड़ेगा। इस प्रस्ताव के पास होने से लोहिया नगर और शताब्दी नगर के हजारों आवंटियों को लाखों का फायदा पहुंचेगा।

तीन साल पहले की दर पर मिलेंगी संपत्तियां : एमडीए की विभिन्न योजनाओं में बड़ी संख्या में फ्लैट और भवन रिक्त पड़े हैं। इनकी बिक्री नहीं हो पायी है। निस्तारण के लिए इन संपत्तियों का मूल्यांकन वर्ष 2021-22 की अवधि में फ्रीज किये जाने का प्रस्ताव रखा गया। इसे मंजूर कर लिया गया। इससे तीन साल पहले वर्ष 2017-18 की दर पर ही एमडीए की योजनाओं में रिक्त संपत्तियों को खरीदा जा सकेगा। इसके अलावा हवाई पट्टी से प्रभावित आवंटी भवन या भूखंड का प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं के विलाज व फ्लैट में समायोजन कराना चाहते हैं तो उनकी जमा राशि पर आठ फीसद ब्याज लगाकर मूल्यांकन कर समायोजन किये जाने का प्रस्ताव भी पास कर दिया गया है।

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