आज से करें धान के लिए पंजीकरण, तय हुआ सरकारी रेट; मेरठ में 13 क्रय केंद्रों पर होगी खरीद

धान के खरीद के लिए पंजीकरण आज से शुरू कर दी गई है। पंजीकरण के लिए किसानों को जरूरी कागजात साथ रखने जरूरी होगा। जिसके तहत ही जानकारी भरी जाएगी। सरकार ने पंजीकरण के साथ ही दाम भी तय कर दी है।

By Himanshu DwivediEdited By: Publish:Mon, 16 Aug 2021 12:36 PM (IST) Updated:Mon, 16 Aug 2021 12:36 PM (IST)
आज से करें धान के लिए पंजीकरण, तय हुआ सरकारी रेट; मेरठ में 13 क्रय केंद्रों पर होगी खरीद
धान के लिए ऑनलाइन रजिस्‍ट्रेशन शुरू हो गया है।

जागरण संवाददाता, मेरठ। धान के खरीद के लिए पंजीकरण आज से शुरू कर दी गई है। किसान अपनी पूरी जानकारी के साथ धान की फसलों का पंजीकरण कर सकते हैं। पंजीकरण के लिए किसानों को जरूरी कागजात साथ रखने जरूरी होगा। जिसके तहत ही जानकारी भरी जाएगी। सरकार ने पंजीकरण के साथ ही दाम भी तय कर दी है। यानी अब इससे कम में किसानों के धान की खरीद नहीं होगी। बता दें कि यह पंजीकरण वर्ष 2021 से 2022 के लिए किया जा रहा है।

यूपी में धान की सरकारी खरीद के लिए तैयारी शुरू हो गई है। वर्ष 2021-22 में न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत धान का सरकारी मूल्य 1940 रुपये प्रति कुंतल घोषित किया गया है। खाद्य एवं रसद विभाग का कहना है कि 16 अगस्त 2021 से पंजीकरण शुरू हो गए हैं। 15 नवम्बर तक पंजीकरण होंगे। मेरठ जिले के लिए अभी लक्ष्य निर्धारित नहीं हुआ है। मेरठ में पिछले वर्ष 13 क्रय केंद्रों पर धान की सरकारी खरीद हुई थी। पिछले साल का लक्ष्य 50 मीट्रिक टन था। जिला खाद्य विपणन अधिकारी सतेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि धान बेचने के लिए किसान खाद्य विभाग की वेबसाइट Fcs.up.gov.in पर पंजीकरण करा सकते हैं।

पहले चरण में होगी मेरठ में खरीद

प्रदेश भर में धान बेचने के लिए वेबसाइट पर 16 अगस्त 2021 से पंजीकरण शुरू हो गए हैं। पहले चरण में मेरठ समेत पश्चिम उप्र प्रदेश में धान की खरीद होगी। जो एक अक्टूबर से शुरू होगी। यह खरीद 31 जनवरी 2022 तक होगी।

पिछले साल हुई थी 922 मीट्रिक टन खरीद

जिला खाद्य विपणन अधिकारी सतेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि पिछले वर्ष 50 मीट्रिक टन का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। जिसमें 229 किसानों से 722 मीट्रिक टन धान खरीद हुई। इसके बदले किसानों को 1.72 करोड़ का भुगतान किया गया।

कैसी है फसलों की स्थिति

मेरठ जिले में इस बार धान की फसल अच्‍छी बताई जा रही है। हालाकि कम बारिश होने से फसलों पर थोड़ा प्रभाव पड़ा है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि एक दो बारिश होने के बाद धान की खेती में बदलाव आएगा। फसल इस बार समय से तैयार हो सकती है। जिससे फसल की पैदवार भी सही रहेगी।  

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