अमीर और गरीब के बीच की खाई को कम करें : जस्टिस चंद्रा

भारत का संविधान सर्वोच्च पवित्र और सर्वश्रेष्ठ है। यह हमें सामाजिक राजनीतिक और आर्थिक न्याय के रास्ते पर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Nov 2019 03:00 AM (IST) Updated:Wed, 27 Nov 2019 06:08 AM (IST)
अमीर और गरीब के बीच की खाई को कम करें : जस्टिस चंद्रा
अमीर और गरीब के बीच की खाई को कम करें : जस्टिस चंद्रा

मेरठ, जेएनएन। भारत का संविधान सर्वोच्च, पवित्र और सर्वश्रेष्ठ है। यह हमें सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक न्याय के रास्ते पर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। आज हमारे सामने चुनौतियां अधिक हैं। हमें आत्म निरीक्षण करने की जरूरत है। समाज में अमीर और गरीब के बीच की खाई को कम करने की कोशिश करनी चाहिए। यह कहना है इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश और मेरठ कॉलेज के पुरातन छात्र रहे सतीश चंद्रा का। जो मेरठ कॉलेज में संविधान दिवस पर आयोजित गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।

विधि विभाग की ओर से आयोजित गोष्ठी में उन्होंने संविधान बनने की प्रक्रिया पर भी प्रकाश डाला। मूल अधिकारों और कर्तव्यों की चर्चा की। उन्होंने विधि के शासन को संरक्षित करने और संविधानवाद को बढ़ावा देने पर जोर दिया। गरीबों को उच्च शिक्षा मुहैया कराने को कहा। उन्होंने महाराष्ट्र में उपजे राजनीतिक हालात पर चर्चा करते हुए कहा कि ऐसा किसी ने नहीं सोचा होगा कि विधायकों को होटल में बहुमत जुटानी पड़ेगी। समारोह में चौ. चरण सिंह विवि की प्रतिकुलपति प्रो. वाई विमला ने कहा कि संविधान अपने आप में समग्र है, उसमें दिए कानूनों का हमें पालन करना चाहिए। कार्यक्रम को प्राचार्य डा. संगीता शर्मा, डा. एचएस राय, डा. अशोक शर्मा, डा. डीएन द्विवेदी, एडवोकेट राजपाल सिंह, मैनेजमेंट कमेटी के संयुक्त सचिव मनीष प्रताप ने भी संबोधित किया। संचालन विभागाध्यक्ष डा. अंजलि मित्तल और डा. एमपी वर्मा ने की। इस मौके पर छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने मौलिक कर्तव्यों की शपथ भी ली। डॉ. प्रवीन दुबलिश, कौशल प्रताप सिंह, जयवीर सिंह, केके गुप्ता, डॉ. सीमा शर्मा, डॉ. अलका चौधरी आदि का सहयोग रहा। संविधान की प्रति को संरक्षित किया

मेरठ कॉलेज में बनारस हिदू यूनिवर्सिटी के शोधार्थी से मिले संविधान की मूल प्रति की फोटो कापी को कॉलेज की लाइब्रेरी में संरक्षित किया गया। इसकी दूसरी रंगीन फोटोकापी छात्रों के लिए बाहर रखी गई है। कार्यक्रम में निबंध और भाषण प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।

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