लापरवाह सिस्टम है सर्राफ के पुत्र की मौत का कारण

पुलिस सतर्क होती तो नहीं होता हादसा, दोस्तों की हालत गंभीर। आरोपित ट्रक चालक की गिरफ्तारी के नहीं हुए अभी तक प्रयास।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 May 2018 10:55 AM (IST) Updated:Thu, 24 May 2018 10:55 AM (IST)
लापरवाह सिस्टम है सर्राफ के पुत्र की मौत का कारण
लापरवाह सिस्टम है सर्राफ के पुत्र की मौत का कारण

मेरठ। मोदीनगर के सर्राफ के पुत्र राहुल वर्मा की जान लापरवाह सिस्टम के कारण गई है। यदि यातायात और सिविल पुलिस जरा भी सतर्क होती तो हादसा टाला जा सकता था, लेकिन मौके पर सड़क सुरक्षा नीति के नामों-निशां तक नहीं हैं। वहीं, ट्रक पास होते हुए भी पुलिस दूसरे दिन भी न उसके मालिक का नाम पता कर पाई और न ही आरोपित चालक का सुराग लगा सकी।

मोदीनगर के तोड़ी गांव निवासी मुकुट वर्मा ने बताया कि उनका पुत्र राहुल वर्मा रिठानी में पीर बाबा पर प्रसाद चढ़ाने गया था। जहां उसे उसके दोस्त मोनू व गोपाल भी मिल गए। इस दौरान तेज रफ्तार ट्रक ने उन्हें टक्कर मार दी। हादसे में राहुल की जान चली गई, जबकि उसके दोस्त गंभीर हालत में हैं। इस मामले में पुलिस की लापरवाही सामने आई है। हादसा जिस कट पर हुआ है, वहां पुलिस की तैनाती तो है, लेकिन यातायात संचालन के लिए कभी पुलिस नजर नहीं आती। घटना के समय भी पुलिसकर्मी मौजूद नहीं था। अतिव्यस्त इस मार्ग पर यातायात पुलिस का भी कोई नामों-निशा नहीं रहता। यदि पुलिस सतर्क होती तो राहुल की मौत नहीं होती। पुलिस ने कर दी हद पार

परतापुर पुलिस ने तो लापरवाही की तमाम हद ही पार कर डाली। दूसरे दिन भी ट्रक का नंबर होते हुए मालिक और चालक तक नहीं पहुंच पाई। पुलिस के लिए यह नसीहत है कि उसे हमें बताना पड़ रहा है कि ट्रक का नंबर एचआर55टी-7239 है और वह डायमंड रोडवेज के नाम है। आरटीए गुरुग्राम उसका पता है। अब भी पुलिस आरोपित तक नहीं पहुंच पाती है तो इससे शर्मनाक बात और कोई नहीं हो सकती। कहां है सड़क सुरक्षा नीति?

हादसों को रोकने के लिए सड़क सुरक्षा नीति बनाई गई है। जिला स्तर पर डीएम के नेतृत्व में इसकी समिति गठित भी है, जिसके तहत लोगों को यातायात के प्रति जागरुक करना, सुरक्षित सड़कों का निर्माण करना, सेफ ड्राइविंग के लिए चालकों के लिए ट्रेनिंग स्कूल खोलना, लाइसेंस जारी करने से पहले ड्राइविंग की दक्षता का ठीक से मूल्यांकन करना, यातायात संबंधित कानूनों को ठीक से लागू कराना और सड़क सुरक्षा अनुसंधान पर विशेष ध्यान देना आदि आता है, लेकिन इनमें से कोई नियम यहां लागू ही नहीं है। राहुल की मौत भी बेतरतीब ट्रैफिक संचालन के कारण हुई है। बीकॉम का छात्र था राहुल

मुकुट वर्मा ने बताया कि राहुल की दो बहनें और एक बड़ा भाई है। वह सबसे छोटा था और फिलहाल बीकॉम की पढ़ाई कर रहा था। वह अपने बड़े भाई रवि वर्मा के साथ दुकान पर भी काम में हाथ बंटाता था। उसकी मौत से परिजनों में कोहराम मचा है। बुधवार को शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। एसपी सिटी कुमार रणविजय ने बताया कि यदि इस मामले में पुलिस की लापरवाही रही है तो जांच कराई जाएगी। जिस कट पर हादसा हुआ वहां पुलिस तैनात कराई जाएगी। आखिर कब तक अलापेंगे जांच का राग

जब भी कोई घटना-दुर्घटना होती है तो अधिकारी जांच की बात कह पल्ला झाड़ने में जुट जाते हैं। राहुल की मौत को एक दिन से अधिक का समय बीत चुका है लेकिन अब भी ठोस कार्रवाई के बजाए एसपी सिटी जांच की बात पर ही अटके हैं। आखिर वह दिन कब आएगा जब अधिकारी जांच के बजाए कार्रवाई होने की बात कहेंगे?

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