‘आयुष्मान’ रहने के लिए जरूरी है राशन कार्ड, जानें क्या हैं वजह
आयुष्मान भारत योजना के तहत उपचार कराने के लिए पोर्टल में राशन कार्ड की जानकारी मांगी जा रही है। राशन कार्ड सबमिट नहीं करने पर आवेदन स्वीकार नहीं हो रहा है।
मेरठ, जेएनएन। अगर आप आयुष्मान भारत योजना के तहत उपचार कराने की सोच रहे हैं तो आपके पास राशन कार्ड होना जरूरी है। इसके अभाव में आप उपचार से वंचित हो सकते हैं। दरअसल, आयुष्मान भारत योजना के पोर्टल में राशन कार्ड की जानकारी मांगी जा रही है। राशन कार्ड सबमिट नहीं करने पर आवेदन स्वीकार नहीं हो रहा है।
पोर्टल में हुआ बदलाव
मेडिकल कॉलेज में आयुष्मान भारत योजना के नोडल अधिकारी डॉ. नवरतन गुप्ता ने बताया कि ऐसा एक अप्रैल से हो रहा है। tms.pmjay.gov.in पोर्टल में बदलाव हुआ है। अब राशन कार्ड को अनिवार्य कर दिया गया है। पहले प्रधानमंत्री के पत्र और पहचान पत्र से ही आवेदन हो जाता था। यह दस्तावेज तो अभी भी देने हैं, साथ में राशन कार्ड, महिला के विवाहित होने पर मैरिज सर्टिफिकेट, बच्चे के उपचार के लिए उसका जन्म प्रमाण पत्र आदि दस्तावेज भी लगाने हैं। यह भी जरूरी है कि जिस व्यक्ति का उपचार कराया जाना है उसका नाम राशन कार्ड में शामिल हो। नोडल अधिकारी ने बताया कि राशन कार्ड के बगैर गोल्डन कार्ड नहीं बन रहा है। योजना का लाभ लेने के लिए गोल्डन कार्ड मरीज के पास होना जरूरी है।
मेडिकल कॉलेज में हुई घुटने व कूल्हे की सर्जरी
आयुष्मान भारत योजना के शुरू होने से अभी तक 264 मरीजों का इलाज मेडिकल कॉलेज में हुआ है। घुटने की सर्जरी, कूल्हे की हड्डी का रिप्लेसमेंट, सफेद मोतियाबिंद के आपरेशन, बच्चेदानी के आपरेशन, मेडिकल आईसीयू और यूरोलॉजी से संबंधित बीमारियों के उपचार यहां पर सुलभ हैं। योजना के तहत पांच लाख रुपये तक का उपचार पात्रों को मुहैया कराया जा रहा है। मरीज का एक रुपया भी इलाज में नहीं लग रहा है। ईएनटी, मानसिक रोग, मेडिसिन, स्त्री रोग विभाग, अस्थि विभाग, बाल रोग विभाग, सर्जरी विभाग, नेत्र रोग विभाग में मरीजों को योजना के तहत उपचार किया जा रहा है।
इन्होंने बताया
आयुष्मान भारत योजना में आवेदन के दौरान पोर्टल पर राशन कार्ड की जानकारी भी देनी है। इसके बगैर गोल्डन कार्ड जारी नहीं हो रहा है। एक अप्रैल से यह व्यवस्था लागू है।
- डॉ. नवरतन गुप्ता, नोडल अधिकारी आयुष्मान भारत योजना, मेडिकल कॉलेज
पोर्टल में हुआ बदलाव
मेडिकल कॉलेज में आयुष्मान भारत योजना के नोडल अधिकारी डॉ. नवरतन गुप्ता ने बताया कि ऐसा एक अप्रैल से हो रहा है। tms.pmjay.gov.in पोर्टल में बदलाव हुआ है। अब राशन कार्ड को अनिवार्य कर दिया गया है। पहले प्रधानमंत्री के पत्र और पहचान पत्र से ही आवेदन हो जाता था। यह दस्तावेज तो अभी भी देने हैं, साथ में राशन कार्ड, महिला के विवाहित होने पर मैरिज सर्टिफिकेट, बच्चे के उपचार के लिए उसका जन्म प्रमाण पत्र आदि दस्तावेज भी लगाने हैं। यह भी जरूरी है कि जिस व्यक्ति का उपचार कराया जाना है उसका नाम राशन कार्ड में शामिल हो। नोडल अधिकारी ने बताया कि राशन कार्ड के बगैर गोल्डन कार्ड नहीं बन रहा है। योजना का लाभ लेने के लिए गोल्डन कार्ड मरीज के पास होना जरूरी है।
मेडिकल कॉलेज में हुई घुटने व कूल्हे की सर्जरी
आयुष्मान भारत योजना के शुरू होने से अभी तक 264 मरीजों का इलाज मेडिकल कॉलेज में हुआ है। घुटने की सर्जरी, कूल्हे की हड्डी का रिप्लेसमेंट, सफेद मोतियाबिंद के आपरेशन, बच्चेदानी के आपरेशन, मेडिकल आईसीयू और यूरोलॉजी से संबंधित बीमारियों के उपचार यहां पर सुलभ हैं। योजना के तहत पांच लाख रुपये तक का उपचार पात्रों को मुहैया कराया जा रहा है। मरीज का एक रुपया भी इलाज में नहीं लग रहा है। ईएनटी, मानसिक रोग, मेडिसिन, स्त्री रोग विभाग, अस्थि विभाग, बाल रोग विभाग, सर्जरी विभाग, नेत्र रोग विभाग में मरीजों को योजना के तहत उपचार किया जा रहा है।
इन्होंने बताया
आयुष्मान भारत योजना में आवेदन के दौरान पोर्टल पर राशन कार्ड की जानकारी भी देनी है। इसके बगैर गोल्डन कार्ड जारी नहीं हो रहा है। एक अप्रैल से यह व्यवस्था लागू है।
- डॉ. नवरतन गुप्ता, नोडल अधिकारी आयुष्मान भारत योजना, मेडिकल कॉलेज