Rapid Rail: स्ट्रेचर समेत मरीज को रैपिड रेल से ले जा सकेंगे दिल्ली, जानिए और क्या मिलेंगी सुविधाएं
Rapid Rail In Meerut रैपिड रेल के स्टेशन को उन सभी मेट्रो स्टेशनों से जोड़ा जाएगा जो एम्स या अन्य बड़े अस्पताल के पास हैं। ताकि मेरठ व गाजियाबाद क्षेत्र के मरीजों को भी इस तेज गति के परिवहन का लाभ मिल सके।
मेरठ, जेएनएन। रैपिड रेल के स्टेशन को उन सभी मेट्रो स्टेशनों से जोड़ा जाएगा जो एम्स या अन्य बड़े अस्पताल के पास हैं। ताकि मेरठ व गाजियाबाद क्षेत्र के मरीजों को भी इस तेज गति के परिवहन का लाभ मिल सके। इसी कड़ी में बड़ी सुविधा यह मिलेगी कि इसमें स्ट्रेचर समेत मरीज को ले जाया जा सकेगा। आपातकालीन या मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में काम आने के लिए स्टेशन में बड़े आकार के लिफ्ट होंगे। जिसमें मरीजों को स्ट्रेचर सहित स्टेशन व रेल के अंदर ले जाया जा सकेगा।
अनूठी सेवाओं से परिपूर्ण
आरआरटीएस स्टेशन व ट्रेन दोनों ही अनूठी सेवाओं से परिपूर्ण है जिनमें चौतरफा सीसीटीवी कैमरे, महिलाओं, विकलांगों, बुजुर्गों और बच्चों के लिए बैठने की अलग सीटों की व्यवस्था रहेगी। वाई-फाई कनेक्शन, बिजनेस क्लास कोच और उनके यात्रियों के लिए एग्जीक्यूटिव लाउंज, एडवांस सुरक्षा स्कैनिंग मैकेनिज्म आदि रहेंगे।
एनसीआरटीसी ने दिल्ली - गाजियाबाद - मेरठ आरआरटीएस कॉरिडॉर के अंतर्गत मेरठ के 21 किमी लंबे स्ट्रेच में मेरठ साउथ से ले कर मोदीपुरम तक 13 स्टेशन हैं जिनपर मेरठ मेट्रो की ट्रांसिट सेवा स्थानीय निवासियों को मिल सकेगी।
रफ्तार से चल रहा निर्माण कार्य
रैपिड रेल का 68 किमी हिस्सा उत्तर प्रदेश में है जिसमें आठ किमी भूमिगत व 60.57 किमी एलिवेटेड है। मेरठ में रैपिड रेल का निर्माण कार्य एलिवेटेड व भूमिगत दोनों हिस्सों में पूरी रफ्तार से चल रहा है । मेरठ शहर मे परतापुर आरआरटीएस स्टेशन के बाद शताब्दी नगर दूसरा एलिवेटेड स्टेशन है जिसका निर्माण कार्य शुरू हो गया है।
मेरठ में तीन भूमिगत स्टेशन के अलावा बाकि के 10 स्टेशन एलिवेटेड है जिसमें मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी, एमईएस कॉलोनी, दौरली, मेरठ नार्थ, मोदीपुरम व मोदीपुरम डिपो है। भूमिगत हिस्से में भैंसाली स्टेशन का निर्माण कार्य चल रहा है और जल्द ही अन्य स्टेशनो जैसे मेरठ सेंट्रल और बेगुमपुल का कार्य भी शुरू हो जाएगा ।