Rapid Rail In Meerut: कोरोना की दूसरी लहर के बीच रैपिड रेल प्रोजेक्ट पकड़ रहा गति, पिलर का निर्माण कार्य पूरा
रैपिड रेल प्रोजेक्ट धीरे-धीरे गति पकड़ रहा है। आक्सीजन उपलब्ध न होने की वजह से काम प्रभावित जरूर हुआ है लेकिन थमा नहीं है। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिड रेल प्रोजेक्ट के 82 किमी कारीडोर में से 19 किमी. से अधिक हिस्से में पिलर का निर्माण कार्य पूरा हो गया है।
मेरठ, जेएनएन। Rapid Rail In Meerut कोरोना की दूसरी लहर के बीच रैपिड रेल प्रोजेक्ट से विकास की उम्मीदें जवां हैं। आक्सीजन उपलब्ध न होने की वजह से काम प्रभावित जरूर हुआ है, लेकिन थमा नहीं है। यही वजह है कि दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिड रेल प्रोजेक्ट के 82 किमी कारीडोर में से 19 किमी. से अधिक हिस्से में पिलर का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। एनसीआरटीसी अधिकारियों का कहना है कि इंडस्ट्रियल आक्सीजन जैसे ही उपलब्ध होने लगेगी काम की रफ्तार बढ़ जाएगी। रैपिड रेल कारीडोर के 19 किमी. के हिस्से में पिलर तैयार करने के बाद वायडक्ट का निर्माण भी चल रहा है। लगभग 5.6 किमी. हिस्सा निर्मित भी हो चुका है। इस पर ट्रैक बिछाने का काम भी जारी है।
इस तरह मिल रही गति
कोरोना संकट से प्रभावित होने के बाद भी इंजीनियर और कर्मचारी 12 लांचिंग गैंट्रीज (तारिणी) आरआरटीएस वायडक्ट के बाकी हिस्सों के निर्माण के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। ताकि प्रोजेक्ट को तय समय सीमा में पूरा किया जा सके। मेरठ में मोहिद्दीनपुर से रिठानी तक रैपिड रेल प्रोजेक्ट के तहत काफी पिलर बन चुके हैं। बैरीकेंडिंग कर सर्विस रोड और नाला पटरी व दीवार का निर्माण किया जा रहा है। यह काम मोदीपुरम क्षेत्र में चल रहा है। मेवला फ्लाई ओवर से फुटबाल चौक के बीच फिलहाल कुछ हिस्से में बैरीकेडिंग हो चुकी है। ट्रैफिक डायवर्जन कर काम शुरू करने की तैयारी थी। लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते यह काम रुका हुआ है।
इंडस्ट्रियल आक्सीजन की कमी से काम हैं प्रभावित
एनसीआरटीसी के अधिकारियों का कहना है कि रैपिड रेल प्रोजेक्ट में इंडस्ट्रियल आक्सीजन का बहुत इस्तेमाल होता है। वर्तमान में कोरोना से पीड़ितों की जान बचाने के लिए आक्सीजन की आपूर्ति मेडिकल कालेज व अस्पतालों में की जा रही है। जिससे रैपिड रेल प्रोजेक्ट को आक्सीजन नहीं मिल रही है। इससे कई काम रुक गए हैं। जैसे कांक्रीट की कास्टिंग, क्लैप का निर्माण, पियर्स व पिलर्स के निर्माण में शटरिंग जोड़ना और फिर काटना आदि शामिल हैं। इसके अलावा भी रैपिड रेल परियोजना में बहुत से ऐसे कार्य है जिनमें इंडस्ट्रियल आक्सीजन इस्तेमाल होती है और उसके बिना निर्माण कार्य आगे नहीं बढ़ सकता है।पहली प्राथमिकता कोरोना से बचाव एनसीआरटीसी के अधिकारियों ने कहा कि रैपिड रेल प्रोजेक्ट में लगे कई इंजीनियर और श्रमिक संक्रमित हुए हैं, जिनको नियमानुसार क्वारंटीन किया जा रहा है। नियमित जांच और इलाज चल रहा है। पहली प्राथमिकता कोरोना से बचाव है। स्थिति सामान्य होने पर काम तेज गति पकड़ेगा।