रैपिड रेल कारिडोर का पहला स्टील पुल गाजियाबाद में स्थापित

रैपिड रेल कारिडोर पर वसुंधरा गाजियाबाद के पास भारतीय रेलवे की मुख्य लाइन को पार करने के लिए स्टील स्पैन (पुल) को स्थापित किया गया है। यह पुल 73 मीटर लंबा है और इसका वजन लगभग 850 टन है। यह पुल रोलर की मदद से खिसका कर रखा गया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 10:52 AM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 10:52 AM (IST)
रैपिड रेल कारिडोर का पहला स्टील पुल गाजियाबाद में स्थापित
रैपिड रेल कारिडोर का पहला स्टील पुल गाजियाबाद में स्थापित

मेरठ, जेएनएन। रैपिड रेल कारिडोर पर वसुंधरा गाजियाबाद के पास भारतीय रेलवे की मुख्य लाइन को पार करने के लिए स्टील स्पैन (पुल) को स्थापित किया गया है। यह पुल 73 मीटर लंबा है और इसका वजन लगभग 850 टन है। यह पुल रोलर की मदद से खिसका कर रखा गया है। यह 10 मीटर ऊंचाई के पिलर पर स्थापित किया गया है। साहिबाबाद से दुहाई तक के 17 किमी लंबे प्राथमिकता वाले खंड का यह पहला विशेष स्टील स्पैन है। इस खंड पर मार्च 2023 में रैपिड रेल चलाने का लक्ष्य रखा गया है। लगभग 150 मीटर का एक और विशेष स्टील स्पैन का निर्माण कार्य चल रहा है। स्पैन बनाने के लिए लांचिग गैंट्री (तारिणी) की मदद से प्री-कास्ट सेगमेंट को जोड़ा जाता है।

जैन शास्त्रों का अध्ययन और मनन जरूरी : ज्ञानमती माता

मेरठ : सदर दुर्गाबाड़ी स्थित दिगंबर जैन मंदिर में प्रवचन करते हुए गणिनी प्रमुख ज्ञानमती माता ने कहा कि जैन धर्म अनादि है। कहा जैन धर्म का सिद्धांत चार भागों में विभक्त है। चरणानुयोग में जैन धर्म साधुओं और श्रावकों की आचार संहिता बतायी गई हैं। धर्म की राह पर चलने के लिए जैन शास्त्रों का अध्ययन और मनन जरूरी है। इन सिद्धांतों के अनुसार जीवन यापन करना मोक्ष मार्ग कहलाता है। माता जी के सानिध्य में नवनिर्मित थापर नगर जैन मंदिर में श्रद्धालुओं ने विधान में भाग लिया। शाम को ज्ञानमती माता ने शास्त्रीनगर डी ब्लाक स्थित जैन मंदिर के लिए प्रस्थान किया।

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