डेढ़ माह से रैपिड रेल निर्माण कार्य देवेंद्र पचौरिया की वजह से हो रहा था प्रभावित

देवेंद्र पचौरिया रिश्वत काड की वजह से रैपिड रेल का निर्माण कार्य भी डेढ़ माह से प्रभावित हो रहा था। देवेंद्र लगातार अरविंदा इलेक्ट्रिकल्स कंपनी के कर्मचारियों को कागजी कार्रवाई के नाम पर दौड़ा रहे थे।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 29 Oct 2021 05:05 AM (IST) Updated:Fri, 29 Oct 2021 05:05 AM (IST)
डेढ़ माह से रैपिड रेल निर्माण कार्य देवेंद्र पचौरिया की वजह से हो रहा था प्रभावित
डेढ़ माह से रैपिड रेल निर्माण कार्य देवेंद्र पचौरिया की वजह से हो रहा था प्रभावित

मेरठ, जेएनएन। देवेंद्र पचौरिया रिश्वत काड की वजह से रैपिड रेल का निर्माण कार्य भी डेढ़ माह से प्रभावित हो रहा था। देवेंद्र लगातार अरविंदा इलेक्ट्रिकल्स कंपनी के कर्मचारियों को कागजी कार्रवाई के नाम पर दौड़ा रहे थे। कार्रवाई पूरी होने के बाद कंपनी के अफसरों से आफिस में मिलने के लिए दबाव बना रहे थे। दरअसल, मुरादनगर से मोदीपुरम तक कंपनी पर 18 करोड़ का ठेका है। ऐसे में देवेंद्र ने कंपनी के एमडी कुलवीर साहनी को चार दिन पहले बताया कि टेंडर से दस फीसद भी नहीं माग रहे हैं। सिर्फ 12 लाख रुपये देने के बाद लाइन शिफ्टिंग और शटडाउन समेत सभी कार्रवाई पूरी कर दी जाएगी।

कंपनी के एमडी कुलवीर साहनी ने बताया कि ऊर्जा निगम के अफसरों से भी इस संबंध में बात की गई थी। उन्होंने भी इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया। उसके बाद प्रशासनिक अफसरों से कंपनी के शीर्ष अफसरों ने बात की। तब देवेंद्र पचौरिया की धरपकड़ की प्लानिंग की गई। विजिलेंस टीम ने दो लाख की रकम में लाल पाउडर लगाकर दिया था। नोट गिनते समय पाउडर देवेंद्र के हाथों पर भी लग गया था। पुलिस ने पाउडर लगे सभी नोट देवेंद्र की जेब से बरामद कर सील कर दिए।

18 करोड़ में हिस्सा बताकर 12 लाख मागे

चंडीगढ़ के रहने वाले कुलवीर साहनी अरविंदा इलेक्ट्रिकल्स कंपनी के एमडी हैं। कंपनी पर मुरादनगर से लेकर मोदीपुरम तक का ठेका है। परतापुर के शताब्दीनगर से लाइन शिफ्टिंग का काम बंद कर दिया। इतना ही नहीं कागजात पर हस्ताक्षर करने से भी मना कर दिया था। देवेंद्र पचौरिया ने कुलवीर साहनी को आफिस में बुलाकर 12 लाख की रकम मागी। देवेंद्र ने कहा था कि यह उनका हिस्सा है।

मागी गई रकम में किस-किस की थी हिस्सेदारी

देवेंद्र की गिरफ्तारी के बाद ऊर्जा निगम के सभी कर्मचारी सिविल लाइन थाने के बाहर पहुंच गए थे। माना जा रहा है कि रिश्वत की रकम में देवेंद्र के अलावा अन्य अफसरों की भी हिस्सेदारी थी। विजिलेंस की टीम इस मामले में पड़ताल कर रही है।

धरपकड़ से घबरा गए थे देवेंद्र

विजिलेंस के सीओ दीपक त्यागी के अलावा टीम में अशोक सिशौदिया, रणवीर यादव, रेणुका सिंह, मंजुलता कुशवाह समेत सभी ने देवेंद्र को दबोच लिया। कुछ देर बाद देवेंद्र तबीयत बिगड़ने की बात कहने लगे। हालाकि उन्हें सिविल लाइन थाने की हिरासत में रखा गया था। पत्नी को थाने बुलाकर देवेंद्र से बात कराई गई। देवेंद्र का कहना है कि उसने रिश्वत नहीं मागी है। कंपनी के एमडी ने उन्हें फंसाने के लिए जाल बुना है।

देवेंद्र की संपत्ति की होगी जाच

देवेंद्र की गिरफ्तारी के बाद उनकी संपत्ति की भी जाच की जाएगी। देखा जा रहा है कि देवेंद्र ने वाराणसी में तैनाती के दौरान तो कोई मोटी रकम नहीं वसूली। उनके मेरठ में तीन माह के कार्यकाल पर भी नजर डाली जा रही है। साथ ही झासी में उनकी संपत्ति के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है। देवेंद्र के परिवार के अन्य सदस्य भी झासी से मेरठ के लिए रवाना हो गए।

chat bot
आपका साथी