दिल्‍ली मेरठ एक्‍सप्रेस वे पर अब जमा नहीं होगा बरसात का पानी, तैयारी किया गया प्‍लान

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के किनारे कटने की वजह जलभराव भी है। इस समस्या को दूर करने के लिए कार्यदायी कंपनी ने एक दर्जन से ज्यादा स्थान चिह्न्ति किए हैं। इन स्थानों पर पतली नालियां बनाई जा रही हैं ।

By Himanshu DwivediEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 09:31 AM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 09:31 AM (IST)
दिल्‍ली मेरठ एक्‍सप्रेस वे पर अब जमा नहीं होगा बरसात का पानी, तैयारी किया गया प्‍लान
दिल्‍ली मेरठ एक्‍सप्रेस वे पर बरसात का पानी हटाने के लिए प्‍लान तैयार।

जागरण संवाददाता, मेरठ। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के किनारे कटने की वजह जलभराव भी है। इस समस्या को दूर करने के लिए कार्यदायी कंपनी ने एक दर्जन से ज्यादा स्थान चिह्न्ति किए हैं। इन स्थानों पर पतली नालियां बनाई जा रही हैं। वैसे तो नालियां 10 मीटर पर बनाई गईं थीं, फिर भी उन तक बारिश का पानी न पहुंच पाने से एक स्थान पर एकत्र होता रहता था। अब ऐसे स्थानों के सामने ही कट बनाकर पतली नाली बना दी गई हैं, ताकि भविष्य में कभी भी बारिश हो तो पानी न रुके। निर्माण के समय कंक्रीट की नालियां पहले से ही तैयार करके मौके पर लाकर फिट की गई थीं। वे नालियां चौड़ी हैं, लेकिन अब जो बीच-बीच में नालियां बनाई जा रही हैं, ये पतली हैं।

परतापुर इंटरचेंज पर आई दरार

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर परतापुर इंटरचेंज के लूप में किनारे की तरफ डामर में दरार आ गई है। ये दरार उस हिस्से में है, जिसके मिट्टी वाले किनारे पर घास उगी हुई है और बारिश से किनारे भी नहीं कटे हैं। लेकिन फिर तेज बारिश और जलभराव नहीं सहन कर सके। क्रैश बैरियर के पास शोल्डर एरिया में डामर में दरार आई है। इसकी मरम्मत की तैयारी के लिए फिलहाल रोड बैरियर रखा गया है, ताकि उस पर वाहन न जाएं। इस दरार को उखाड़कर फिर से इसे दुरुस्त कर दिया जाएगा। उधर, इस संबंध में जब दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के परियोजना निदेशक मुदित गर्ग से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उनका फोन रिसीव नहीं हुआ।

मेवला फ्लाईओवर के पास बनाए जाएंगे पोर्टल पिलर

रैपिड रेल कारिडोर के अंतर्गत दिल्ली रोड पर बीचोंबीच पिलर तैयार हो रहे हैं। ये पिलर डिवाइडर के बीच में बन रहे हैं, लेकिन कुछ स्थानों पर कारिडोर के एलाइनमेंट के हिसाब से रोड के बीच में डिवाइडर पर पिलर बनाने के बजाए किनारे पर भी बनाए जाते हैं।इसी तरह से मेवला फ्लाईओवर की वजह से फ्लाईओवर व उसके दोनों तरफ दिल्ली रोड पर रोड के किनारे पिलर बन रहे हैं, मगर जिस स्थान पर बीच रोड से किनारे की तरफ व किनारे से बीच रोड की तरफ रेल पटरी को लाना होता है, तो वहां घुमाव चुनौती वाला होता है। इसलिए ऐसे स्थानों पर रोड की तरह पिलर नहीं बनाए जाते, बल्कि इसके लिए वहां पर पोर्टल पिलर बनाए जाते हैं। पोर्टल पिलर में दोनों तरफ रोड किनारे पिलर बनाकर बीच में उसे गर्डर से जोड़ा जाता है। फिर उसके ऊपर पटरी बिछाने वाला वायाडक्ट तैयार होता है। मेवला फ्लाईओवर के पास पोर्टल पिलर बनाने का कार्य भी शुरू हो गया है। 

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