Rain Water Harvesting: मेरठ शहर बदल रहा है... आप भी बनवाएं रेन वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट, पढ़ें पूरी जानकारी

शहर में 2008 तक गिनती के रेनवाटर हार्वेस्टिंग यूनिट स्थापित हुए थे। आंकड़े के अनुसार तब शहर में सिर्फ चार ही यूनिट थे लेकिन 2011 में एमडीए के बायलाज में जब रेन वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट स्थापित करना अनिवार्य किया गया तो कुछ बदलाव आने लगा।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Fri, 11 Jun 2021 09:20 AM (IST) Updated:Fri, 11 Jun 2021 09:20 AM (IST)
Rain Water Harvesting: मेरठ शहर बदल रहा है... आप भी बनवाएं रेन वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट, पढ़ें पूरी जानकारी
300 वर्ग मीटर या उससे अधिक क्षेत्रफल के मकान में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य।

मेरठ, जेएनएन। Rain Water Harvesting शहर में दिनोंदिन बढ़ते जल दोहन के बीच यह सुखद है कि वर्षा जल बचाने को काफी लोग जागरूक हो रहे हैं और रेन वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट स्थापित करा रहे हैं। एक अनुमानित आकलन के अनुसार शहर में 500 से अधिक रेन वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट स्थापित हो चुके हैं। मगर इतने बड़े शहर के लिए यह गिनतीभर है, फिर भी ये अन्य लोगों को नसीहत का पाठ पढ़ा रहे हैं। शहर में वर्ष 2008 तक गिनती के रेनवाटर हार्वेस्टिंग यूनिट स्थापित हुए थे। एक आंकड़े के अनुसार तब शहर में सिर्फ चार ही यूनिट थे, लेकिन 2011 में एमडीए के बायलाज में जब रेन वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट स्थापित करना अनिवार्य किया गया तो कुछ बदलाव आने लगा।

एमडीए ने तो अपने स्तर से ज्यादा कुछ नहीं किया, लेकिन लोग खुद ही कुछ पहल के रूप में सामने आने लगे। बायलाज में शामिल होने के बाद एमडीए ने अपनी अवस्थापना निधि से 10 यूनिट स्थापित कराए। पिछले साल एक यूनिट एमडीए ने जिमखाना मैदान में स्थापित कराए। एमडीए के पास इसका आंकड़ा मौजूद नहीं है कि कितने रेन वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट स्थापित हो चुके हैं, मगर एमडीए के नियोजन अनुभाग व इस कार्य में लगे स्वयंसेवी संस्थाओं के आकलन को जोडऩे पर यह आंकड़ा सामने आता है कि शहर में 2011 से अब तक 500 से अधिक यूनिट स्थापित हो चुके हैं।

नौ यूनिट लगाने के बाद एमडीए ने खुद की जिम्मेदारी से भी हाथ खींचे

एमडीए की नियमावली में 300 वर्ग मीटर व उससे अधिक क्षेत्रफल के मकान में रेन वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट स्थापित करना अनिवार्य है। जब ऐसे मकानों के लिए मानचित्र स्वीकृत होता है तब एक एफडी आवेदक से लिया जाता है कि वह रेन वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट बनाएगा। यदि नहीं बनाएगा तो एमडीए एफडी जब्त कर यूनिट स्थापित करने के लिए कार्रवाई करेगा। एमडीए की नियमावली में 2011 में यह प्राविधान शामिल हुआ कि 300 वर्ग मीटर या उससे अधिक क्षेत्रफल के मकान में रेन वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट स्थापित किया जाए। इसी प्राविधान के कुछ साल बाद एमडीए ने अपनी अवस्थापना निधि से शहर के नौ सरकारी कार्यालयों में यूनिट स्थापित कराए। उसके बाद हर साल एमडीए तैयारी करता रहा कि 11 और यूनिट स्थापित होंगे लेकिन ऐसा हो नहीं सका। पिछले कुछ साल से टेंडर प्रक्रिया चल रही है, लेकिन अब तक धरातल पर कुछ हुआ नहीं। हालांकि पिछले साल एक यूनिट एमडीए ने स्थापित कराया था। यह कार्य हुआ था जिमखाना मैदान में।

कामर्शियल में तो बन जाते हैं, आवासीय में नहीं

वर्ष 2020 के आंकड़े के अनुसार 68 मकानों में यूनिट स्थापित हुए। हालांकि इसमें सच्चाई यह है कि कामर्शियल मकानों में तो यूनिट तो कुछ साल में स्थापित हो जाते हैं, क्योंकि इन्हें पूर्णता प्रमाण पत्र की जरूरत पड़ती है, इसलिए तब एमडीए यह भी जांच लेता है कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट है या नहीं, जबकि आवासीय भवन इसमें बहुत पीछे हैं। सिर्फ वे लोग ही यूनिट लगवाना चाहते हैं जो नहीं चाहते कि उनके पास नोटिस आए।

एमडीए में जमा एफडी, नहीं लेने आते लोग

रेन वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट लगाने में लोग दिलचस्पी नहीं लेते इसलिए एमडीए में 20 हजार की एफडी जमा होने के बाद के बाद भी उसे वापस लेने नहीं पहुंचते। 50 हजार या एक लाख रुपये की एफडी जो जमा करते हैं, उनमें काफी लोग हैं जो यूनिट स्थापित कराकर एफडी कई साल बाद वापस लेते हैं। यूनिट की जब जांच हो जाती है तब उसकी स्थिति खुद मकान स्वामी की लापरवाही से खराब हो जाती है।

ऐसे बढ़ रहा है आंकड़ा

जागरूक नागरिक एसोसिएशन के अध्यक्ष गिरीश शुक्ला ने बताया कि उनकी संस्था की ओर से शहर में 90 यूनिट कराए जा चुके हैं। इनमें स्कूल व धार्मिक स्थल शामिल हैं। उधर, आवासीय कालोनियां जो पूर्णता प्रमाण पत्र लेती हैं, वे भी यूनिट स्थापित कराती हैं। शहर के कई बड़े शिक्षण संस्थान, होटल यूनिट स्थापित करा चुके हैं। अब लोग जागरूक हो रहे हैं।

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