वेस्‍ट यूपी में बारिश ने बदला मौसम का मिजाज, ठंड ने बढ़ाई कंपकंपी Meerut News

वेस्‍ट यूपी में गुरुवार की रात से शुरू हुई बारिश ने मौसम का मिजाज बदल दिया है। लोगों को खासी ठंड का अहसास हुआ। फसलों को भी खासा नुकसान पहुंचा है।

By Prem BhattEdited By: Publish:Fri, 13 Dec 2019 12:32 PM (IST) Updated:Fri, 13 Dec 2019 03:15 PM (IST)
वेस्‍ट यूपी में बारिश ने बदला मौसम का मिजाज, ठंड ने बढ़ाई कंपकंपी Meerut News
वेस्‍ट यूपी में बारिश ने बदला मौसम का मिजाज, ठंड ने बढ़ाई कंपकंपी Meerut News

मेरठ, जेएनएन। वेस्‍ट यूपी में गुरुवार की रात से शुरू हुई बारिश ने मौसम का मिजाज बदल दिया है। लोगों को खासी ठंड का अहसास हुआ। जगह-जगह जलभराव भी हुआ है। मेरठ, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, शामली, सहारनपुर, बुलंदशहर में हुई बारिश ने मौसम के मिजाज को बदल दिया। आज शुक्रवार को भी कई स्‍थानों पर बूंदाबांदी जारी है।

आसमान में छाए हुए हैं बादल

शामली में गुरुवार शाम से लेकर शुक्रवार सुबह तक बारिश होती रही है। इससे ठंड कंपकंपी छुड़ा रही है। आसमान में अभी भी बादल छाए हुए हैं और फिर बारिश की उम्मीद बनी हुई है।  गुरुवार को दिनभर आसमान में बादल छाए हुए थे और ठंड हलकान करने वाली थी। शाम के वक्त बूंदाबांदी शुरू हुई और इसके बाद बारिश बढ़ती गई। गरज के साथ रात भर मेघ बरसते रहे। सुबह से बारिश थमी हुई है, लेकिन बादलों का डेरा है।

खेतों में फसलों को नुकसान

वहीं, बारिश के कारण फसलों को नुकसान हुआ है। गन्ने की कटाई और छिलाई प्रभावित हुई है, जिससे चीनी मिलों में गन्ने की आवक कम हुई है। इसका असर गन्ने की रिकवरी पर भी पड़ेगा। साथ की बुवाई में और विलंब हो गया है। उधर, बारिश के बाद ठंड बढ़ गई है और लोग गर्म कपड़ों से पैक होकर घरों से निकल रहे हैं। बाजारों, सरकारी कार्यालयों आदि में भीड़ कम ही है। वहीं, शुक्रवार को बेसिक शिक्षा विभाग की प्राथमिक स्तर की मंडलस्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता सिल्वर बेल्स स्कूल में होनी थी, जिसे बारिश के चलते स्थगित कर दिया गया है। जिला बेसिक शिक्षाधिकारी गीता वर्मा ने बताया कि शीघ्र नई तिथि घोषित की जाएगी। 

मेरठ में बिजली गिरने से उपकरण को नुकसान 

सरूरपुर थाना क्षेत्र के कक्के पुर गांव में गुरुवार देर रात बारिश के दौरान आकाशीय बिजली गिरने से मकान में रखे बिजली के उपकरण फूंक गए। लोगों में दहशत फैल गई। जानकारी के अनुसार कक्के पुर निवासी सोमपाल पुत्र श्री निवास व उसके पड़ोसी पवन कुमार के मकान पर देर रात बारिश के दौरान अचानक तेज चमक के साथ आकाशीय बिजली गिर गई, जिससे शार्ट सर्किट होने से मकान में लगे बिजली के उपकरण फुंक गए। पवन कुमार के फ्रिज, पंखा, फिटिंग के सामान के साथ बिजली का मीटर फुंक गया। वहीं सोमपाल के भी मकान पर बिजली के उपकरणों को नुकसान पहुंचा है। 

मेरठ में सर्दी का सितम जारी

जनपद का मौसम पूरी तरह कड़ाके की ठंड की गिरफ्त में आ गया है। बीती रात लगातार बारिश के बाद  शुक्रवार दोपहर फिर से रिमझिम फुहारे पड़ने लगी। सुबह 8:30 बजे तक मौसम विभाग ने 19 एमएम बारिश दर्ज की है। दिसंबर में पिछले कई सालों बाद ऐसी भारी बारिश रिकॉर्ड की गई है। सुबह से ही  सूरज बादलों के आगोश में छुपा रहा जिससे पारा लुढ़क कर एक बजे भी 16 डिग्री के आसपास मापा गया। सड़कों पर लोग गर्म कपड़ों से लैस होकर निकले। सुबह के समय स्कूल जा रहे बच्चे कपड़ों से लदे फदे होने के बावजूद भी ठिठुरते नजर आए। ठंड के चलते बाजारों में भीड़भाड़ कम नजर आई स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति कम रही। शुक्रवार की शाम से ठंड और बढेगी। डॉक्‍टरों ने ऐसे मौसम में सांस और ह्रदय के रोगियों को बाहर नहीं निकलने की सलाह दी है। हालांकि बारिश के बाद दिन में प्रदूषण का स्तर काफी सुधरा हुआ है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार 14 को भी मौसम खराब रहेगा अर्थात बारिश और ओलावृष्टि की संभावना बनी रहेगी।

बिजनौर में तापमान में गिरावट

नजीबाबाद में गुरुवार रात से शीतलहर चलने के साथ बारिश हो रही है। पूरी रात हुई बारिश सुबह तक जारी रही। जिससे तापमान में भी काफी गिरावट आई। नजीबाबाद में शुक्रवार सुबह का तापमान 11.2 डिग्री सेंटीग्रेड नोट किया गया। गुरुवार सुबह यह तापमान 13.5 डिग्री सेंटीग्रेड था। राजकीय इंटर कॉलेज में स्थित मौसम वेधशाला के प्रभारी सुनील कुमार ने बताया कि पूरी रात हुई बारिश शुक्रवार सुबह 31.5 मिलीमीटर नोट की गई। शुक्रवार को दिन भर बारिश जारी रहने से इसका आंकड़ा और बढ़ने की संभावना है। उन्होंने बताया कि अधिकतम तापमान और न्यूनतम तापमान के बीच का अंतर घटने से मौसम में गलन पैदा हुई है। जिससे ठंड का ज्यादा एहसास हो रहा है। लगातार चल रही शीतलहर और बारिश ने इस में भी इजाफा किया है। पिछले दो-तीन दिन में गेहूं की बुवाई करने वाले किसानों ने अपना माथा पकड़ लिया है। किसानों रफीक अहमद, बिलाल, राजवीर, विजेंद्र का कहना है कि एक हफ्ता पहले उन्होंने खेत का पलेवा कर गेहूं बोया था। गेहूं की बुवाई किए अभी दो ही दिन हुए थे। बारिश ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया है।

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