यूपी: कृषि कानूनों के विरोध में आज रेल रोकेगी भाकियू, बोले नरेश टिकैत- किसानों के सम्मान से खिलवाड़ न करे सरकार
किसान पंचायत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि आंदोलनकारियों और सरकार के बीच चार माह से वार्ता बंद है। उन्होंने कहा कि वार्ता चलती रहनी चाहिए। सरकार किसानों के मान-सम्मान से खिलवाड़ न करे।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। किसान पंचायत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि आंदोलनकारियों और सरकार के बीच चार माह से वार्ता बंद है। उन्होंने कहा कि वार्ता चलती रहनी चाहिए। सरकार किसानों के मान-सम्मान से खिलवाड़ न करे। उन्होंने पदाधिकारियों को हिदायत दी कि इंटरनेट मीडिया पर संयमित रहें, बेवजह की बयानबाजी न करें। कृषि कानूनों के विरोध में दो सोमवार को दो स्थानों पर रेल रोकी जाएगी।
चौधरी नरेश टिकैत ने कार्यकर्ताओं से कहा कि किसान हमें भी कहते रहते हैं कि अब फैसला हो जाना चाहिए। लेकिन सरकार किसानों के मान सम्मान से खिलवाड़ कर रही है। सरकार बनाने में हमने बहुत सहयोग किया। केंद्र सरकार देश का सारा सामान बेचने पर तुली है। सरकार ने किसानों को चारों तरफ से घेर रखा है। किसान संगठनों पर करोड़ों लोगों की निगाह है। हमें जाति-बिरादरी के आरोप से भी बचना है। संगठन को भी संभलकर चलाना पड़ेगा। सरकार दहशत फैला रही है। लेकिन जनसमूह के सामने इनके हौसले पस्त हैं। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि अपने खेत पर काम करने के साथ-साथ गाजीपुर बार्डर पर भी ध्यान रखें। यह भी ध्यान रखें कि आंदोलन ङ्क्षहसक न हो।
भाजपा को धोखा न दें राजू अहलावत
चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि राजू अहलावत ने भाकियू को धोखा दिया है, लेकिन वह भाजपा को धोखा न दें। भाकियू को छोड़कर गए किसान नेताओं के नाम गिनाते हुए बताया कि पूर्व में प्रदेश अध्यक्ष रहे भानु प्रताप, जिला अध्यक्ष रहे वीरेंद्र ङ्क्षसह, बागपत के नरेंद्र राणा, ठाकुर पूरण ङ्क्षसह भी संगठन छोड़कर चले गए थे। आज भी भाकियू किसानों का सबसे बड़ा संगठन है। किसी के जाने से संगठन पर फर्क नहीं पड़ता है। किसान एकजुट होना चाहिए।
दो स्टेशन पर रोकी जाएगी ट्रेन
नरेश टिकैत ने कहा कि कृषि कानूनों के विरोध में 18 अक्टूबर को रेल रोको अभियान चलाया जाएगा। जनपद में मंसूरपुर रेलवे स्टेशन और खतौली रेलवे स्टेशन पर ट्रेन रोकी जाएगी। सभी पदाधिकारी व कार्यकर्ता इस अभियान में शामिल हो। कहा कि रेल में सफर करने वाली सवारियों को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। कम समय के लिए ही रेल रोकी जाए। अपने साथ ही सवारियों के खाने-पीने का ध्यान रखा जाए।