पात्र उपलब्ध, फिर भी मकान आवंटन न करने पर उठाए सवाल
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान तो हैं लेकिन पात्रों का टोटा है।
मेरठ,जेएनएन। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान तो हैं, लेकिन पात्रों का टोटा है। इससे आवास विकास परिषद की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने संपत्ति अधिकारी से पांच बिंदुओं पर जवाब मांगा है।
18 सितंबर को जागृति विहार एक्सटेंशन में परिषद ने प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए पात्रता चयन की प्रक्रिया आयोजित की थी। इसमें 480 मकानों के सापेक्ष केवल 380 पात्र मिले थे, सभी को आवंटन पत्र जारी कर दिया गया। उसी दिन 96 मकानों के लिए 161 आवेदन आए। 96 लोगों को लाटरी प्रक्रिया से मकान दे दिए गए। डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कहा कि सौ मकान अभी भी शेष हैं। प्रतीक्षा सूची के पात्र भी हैं, लेकिन मकानों का आवंटन नहीं किया गया। पांच लाख के मकान पर ढ़ाई लाख की छूट के बाद भी मकानों के लिए पात्र नहीं मिल रहे हैं। यह व्यवस्था पर प्रश्न चिह्न लगाता है।
541 पात्रों के सापेक्ष 576 मकान
16 जून को भी प्रधानमंत्री आवासों के लिए आवंटन प्रक्रिया हुई थी, उसमें शेष रह गए आवेदकों की संख्या को जोड़ा जाए तो कुल संख्या 541 बैठती है। ऐसे में 18 को जब आवंटन प्रक्रिया हुई तो कुल मकान 576 थे। ऐसे में आवंटन क्यों नहीं किया गया।
संपत्ति अधिकारी से निम्न बिंदुओं पर मांगा जवाब
- डूडा द्वारा सत्यापित कुल कितने आवेदक परिषद में सूचीबद्ध हैं।
- 18 सितंबर की प्रक्रिया के बाद आपके पास कितने आवंटन के लिए तैयार फ्लैटों की संख्या कितनी है।
- डूडा द्वारा सत्यापित आवेदकों में शेष रहे गए पात्रों की प्रतीक्षा सूची बनाई गई थी, उनके आवंटन पर विचार क्यों नहीं किया गया।