अनूपशहर में जैविक खेती का प्रशिक्षण दे रहा यह क्वालिटी इंजीनियर Bulandshahar News

3.20 लाख रुपये सालाना वेतनभोगी ने नौकरी छोड़ संभाली खेती। किसानों को जागरुक करने को खोला परीक्षण केंद्र हरियाणा सरकार ने किया सम्मानित।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Thu, 20 Aug 2020 09:02 PM (IST) Updated:Thu, 20 Aug 2020 09:02 PM (IST)
अनूपशहर में जैविक खेती का प्रशिक्षण दे रहा यह क्वालिटी इंजीनियर Bulandshahar News
अनूपशहर में जैविक खेती का प्रशिक्षण दे रहा यह क्वालिटी इंजीनियर Bulandshahar News

बुलंदशहर, [अश्वनी भारद्वाज]। अनूपशहर क्षेत्र के एक क्वालिटी इंजीनियर ने लाखों रुपये सालाना का पैकेज छोड़कर खेती संभाली। रसायनों का प्रयोग बंद किया और जैविक खेती से फसलों और जमीन की सेहत सुधारी। मेहनत रंग लाई और अब तक दो से आठ लाख रुपये तक सालाना फसल मॉडल स्थापित कर चुके हैं। इन्होंने गांव में ही किसान प्रशिक्षण केंद्र भी खोला है। इसमें स्थानीय और बाहरी राज्यों से आने वाले किसानों को जैविक खेती के लिए निश्शुल्क प्रशिक्षण देते हैं और इस दौरान खाना, रहने की सुविधा भी किसानों को निश्शुल्क मुहैया करा रहे हैं। जैविक फसल से उत्पादन प्रोडक्ट्स के लिए हरियाणा सरकार इन्हें पुरस्कृत कर चुकी है। केंद्र और राज्य सरकार जैविक खेती करने के लिए किसानों को जागरुक कर रही है। अनूपशहर के गांव शाहजहांपुर निवासी दीपकांत शर्मा ने चार वर्ष पूर्व जेपी यूनिवर्सिटी से बीटैक किया और यहीं से ही इनका पैलेसमेंट रोहतक की एआर पीसिजन स्क्रू में क्वालिटी इंजीनियरिंग पद पर चयन हुआ। 3.20 लाख के सालाना पैकेज की नौकरी एक साल करने के बाद खेती-किसानी से मोह कर लिया। इन्होंने गांव में आकर जैविक खेती शुरू की। इसके साथ ही सहफसल पर भी जोर दिया। कम लागत में अन्य किसानों की सापेक्ष पांच से छह गुणा कमाई बढ़ी तो इन्होंने बुलंद जैविक फार्मिंग प्रशिक्षण केंद्र खोला। इसमें किसानों को जैविक खेती के लिए निश्शुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है। हजारों किसानों ने इस केंद्र से लाभ उठाया है और जैविक खेती से जुड़े हैं।

बनाई अलग पहचान 

भाव और बाजार अपनाशिक्षित दीपकांत ने जैविक खेती के बाद अपने खेतों में उत्पादन होने वाली फसल के लिए अपनी अलग पहचान बनाई। बाजार में न जाकर गन्ने से गुड़ बना पैकेट तैयार करके घर से ही बेचते हैं। इसके साथ ही जैविक हल्दी, उरद, औषधीय पौधों में सतावर, अश्वगंधा, सर्पगंधा और सहजन आदि दवाई बनाने वाली कंपनियों को बेचकर काफी मुनाफा कमाते हैं। जैविक फसल से उत्पादन प्रोडक्ट्स के लिए हरियाणा सरकार इन्हें पुरस्कृत कर चुकी है।

इन्होंने कहा

जैविक खेती के प्रति जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। युवाओं का जैविक खेती के प्रति रूझान बढ़ा है। अनूपशहर के दीपकांत अब गन्ने की पौध तैयार करने के लिए प्लांट खोलने वाले हैं, ऐसे किसानों को विभाग की ओर से पूर्ण सहयोग दिया जाएगा।

-अभिषेक पांडेय सीडीओ

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