मोबाइल से निकलकर मैदान पर समय दें बच्चे : पीटी उषा
उड़न परी पीटी उषा गुरुवार को मेरठ के एक स्कूल में पहुंचीं और बच्चों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि बच्चों को मोबाइल से निकलकर मैदान पर समय देने की जरूरत है।
मेरठ, जेएनएन। देश में टैलेंट की कमी नहीं है। बस जरूरत है तो जमीनी स्तर पर 14 साल से कम आयु के बच्चों तक सुविधाओं को पहुंचाने की। बच्चों को भी मोबाइल से निकलकर मैदान पर समय देने की जरूरत है। बीडीएस इंटरनेशनल स्कूल में गुरुवार को नारी सशक्तीकरण विषय पर आयोजित कार्यक्रम में ये विचार उड़न परी पीटी उषा ने रखे।
गांव में पहुंचकर प्रतिभा तलाशें
पय्योली एक्सप्रेस पिलावुळ्ळकण्टि तेक्केपरम्पिल् उषा ने कहा कि हमें गांव में पहुंचकर टैलेंट को तलाश कर निखारने की जरूरत है। छोटी उम्र में खिलाड़ियों को साथ जोड़कर धैर्यपूर्वक उनकी ट्रेनिंग पर ध्यान देना होगा। थोड़ा समय लगेगा पर नतीजा जरूर आएगा। गोल्डन गर्ल ने कहा कि मैंने विदेश पहुंचकर सिंथेटिक ट्रैक देखा था लेकिन अब खिलाड़ियों को देश मे सुवीधाएं मिलने लगी हैं। उन्होंने कहा कि हिमा दास ने वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड जीता है जो बड़ी उपलब्धि है। दुती चंद ने एशियाई खेलों में रजत पदक जीता है। उत्तर प्रदेश की सुधा सिंह का प्रदर्शन अच्छा है। ये सभी खिलाड़ी ओलंपिक में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।
उप्र के खिलाड़ियों की तारीफ
उत्तर प्रदेश में खिलाड़ियों के प्रदर्शन की तारीफ करते हुए भारतीय ट्रैक एवं फील्ड की रानी ने कहा कि यह एथलेटिक फेडरेशन बेहतर काम कर रही है। वह स्वयं भी मुख्यमंत्री से मिलकर खेल सुविधाओं को बढ़ाने की मांग करेंगी। खेलो इंडिया की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों के लिए लंबे समय बाद बेहतरीन योजना शुरू की गई है। इसका संचालन अच्छे से हुआ तो खिलाड़ियों के लिए फायदेमंद साबित होगा।
एक खेल पर ध्यान दें
उन्होंने स्कूल में बच्चों को संबोधित करते हुए मोबाइल से निकलकर मैदान में समय देने के लिए प्रेरित किया। एक स्टूडेंट के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि पहले खिलाड़ियों में स्टैमिना अधिक होता था क्योंकि उनका अधिक समय खेल के मैदान में बीतता था। अगली पीटी उषा किसमें देखती हैं के जवाब में उन्होंने कहा कि अब दौड़ के हर इवेंट में बेहतरीन प्रदर्शन लगभग असंभव है, लेकिन किसी एक खेल पर ध्यान केंद्रित कर सफलता हासिल की जा सकती है।
गांव में पहुंचकर प्रतिभा तलाशें
पय्योली एक्सप्रेस पिलावुळ्ळकण्टि तेक्केपरम्पिल् उषा ने कहा कि हमें गांव में पहुंचकर टैलेंट को तलाश कर निखारने की जरूरत है। छोटी उम्र में खिलाड़ियों को साथ जोड़कर धैर्यपूर्वक उनकी ट्रेनिंग पर ध्यान देना होगा। थोड़ा समय लगेगा पर नतीजा जरूर आएगा। गोल्डन गर्ल ने कहा कि मैंने विदेश पहुंचकर सिंथेटिक ट्रैक देखा था लेकिन अब खिलाड़ियों को देश मे सुवीधाएं मिलने लगी हैं। उन्होंने कहा कि हिमा दास ने वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड जीता है जो बड़ी उपलब्धि है। दुती चंद ने एशियाई खेलों में रजत पदक जीता है। उत्तर प्रदेश की सुधा सिंह का प्रदर्शन अच्छा है। ये सभी खिलाड़ी ओलंपिक में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।
उप्र के खिलाड़ियों की तारीफ
उत्तर प्रदेश में खिलाड़ियों के प्रदर्शन की तारीफ करते हुए भारतीय ट्रैक एवं फील्ड की रानी ने कहा कि यह एथलेटिक फेडरेशन बेहतर काम कर रही है। वह स्वयं भी मुख्यमंत्री से मिलकर खेल सुविधाओं को बढ़ाने की मांग करेंगी। खेलो इंडिया की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों के लिए लंबे समय बाद बेहतरीन योजना शुरू की गई है। इसका संचालन अच्छे से हुआ तो खिलाड़ियों के लिए फायदेमंद साबित होगा।
एक खेल पर ध्यान दें
उन्होंने स्कूल में बच्चों को संबोधित करते हुए मोबाइल से निकलकर मैदान में समय देने के लिए प्रेरित किया। एक स्टूडेंट के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि पहले खिलाड़ियों में स्टैमिना अधिक होता था क्योंकि उनका अधिक समय खेल के मैदान में बीतता था। अगली पीटी उषा किसमें देखती हैं के जवाब में उन्होंने कहा कि अब दौड़ के हर इवेंट में बेहतरीन प्रदर्शन लगभग असंभव है, लेकिन किसी एक खेल पर ध्यान केंद्रित कर सफलता हासिल की जा सकती है।