मोबाइल पर मिलेगा प्रोविजनल ड्राइविंग लाइसेंस

जनपद के नोडल अफसर और प्रमुख सचिव परिवहन राजेश कुमार सिंह ने कहा कि डाक से ड्राइविंग लाइसेंस घर भेजने की बाध्यता में बड़ी संख्या में लोगों के लाइसेंस महीनों बाद भी न पहुंचने की शिकायतें मिल रही हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Nov 2019 05:00 AM (IST) Updated:Sat, 23 Nov 2019 06:04 AM (IST)
मोबाइल पर मिलेगा प्रोविजनल ड्राइविंग लाइसेंस
मोबाइल पर मिलेगा प्रोविजनल ड्राइविंग लाइसेंस

मेरठ, जेएनएन। जनपद के नोडल अफसर और प्रमुख सचिव परिवहन राजेश कुमार सिंह ने कहा कि डाक से ड्राइविंग लाइसेंस घर भेजने की बाध्यता में बड़ी संख्या में लोगों के लाइसेंस महीनों बाद भी न पहुंचने की शिकायतें मिल रही हैं। नई व्यवस्था से इस समस्या का समाधान होगा, जिसे जल्द लागू किया जाएगा। ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया पूरी होने पर आवेदक के मोबाइल पर एक यूनिक कोड पहुंचेगा। इसका इस्तेमाल कर प्रोविजनल लाइसेंस मोबाइल की स्क्रीन पर आ जाएगा। असली लाइसेंस मिलने तक उससे काम किया जा सकेगा। लाइसेंस प्रिंट करने वाला वेंडर लाइसेंस को आवेदक के घर के पते पर नहीं, बल्कि संबंधित आरटीओ ऑफिस में पहुंचाएगा। वहां से उसे आवेदक अपनी पहचान और प्रोविजनल लाइसेंस दिखाकर प्राप्त कर लेगा।

दैनिक जागरण से बातचीत में प्रमुख सचिव परिवहन ने कहा कि लगभग सात दिन में लाइसेंस प्रिंट होकर आरटीओ ऑफिस में पहुंच जाएगा। उन्होंने बताया कि लर्निग लाइसेंस की बड़ी संख्या में ऑनलाइन बुकिंग हो रही है, जिस कारण परीक्षा और बायोमेट्रिक प्रक्रिया के लिए सिस्टम एक महीने से अधिक समय बाद का टाइम स्लॉट दे रहा है। काउंटर की संख्या बढ़ाकर व मेरठ में प्रतिदिन लर्निग लाइसेंस का कोटा बढ़ाकर इस समस्या का समाधान किया जाएगा। प्रमुख सचिव ने कहा कि सरकारी विभागों की कार्यशैली में काफी बदलाव आया है। विकास कार्य भी खूब हुए हैं, लेकिन अब भी सुधार की जरूरत है। महिला जिला अस्पताल में ओपीडी के लिए क्यू मैनेजमेट सिस्टम बनाने की जरूरत है। इसमें मरीजों का पंजीकरण कर टोकन सिस्टम भी लागू किया जा सकता है। कृषि विवि में केंद्रीय पुस्तकालय के भवन में कुछ कमियां मिली हैं, जिनके सुधार के लिए सुझाव और निर्देश दिए गए हैं।

पीडब्ल्यूडी ऑफिस में शौचालय की दुर्गध

मेरठ : नोडल अफसर ने पीडब्ल्यूडी के विभिन्न कार्यालयों का भी निरीक्षण किया। निर्माण खंड के भवन में उन्हें शौचालय की दुर्गध मिली। इस पर उन्होंने एक्सईएन को शौचालय को स्थानांतरित करने और गैलरी में खड़ी की गई पुरानी सेफ की नीलामी और ज्यादा पुराने रिकॉर्ड को नष्ट करने का निर्देश दिया। प्रांतीय खंड का भी उन्होंने निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने सड़कों के गढ्डामुक्ति अभियान की समीक्षा की। ई-टेंडरिग का शत प्रतिशत पालन करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि गांवों को जोड़ने वाली ऐसी सड़कों को पीडब्ल्यूडी अपने अधीन करे, जिनका कोई मालिक नहीं है। इसके लिए पत्राचार करने का निर्देश दिया। उन्होंने बजट की भी जानकारी ली। इस दौरान डीएम अनिल ढींगरा, सीडीओ ईशा दुहन, दोनों खंडों के एक्सईएन मौजूद रहे।

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